आवाज़ ए हिमाचल
सोलन. 5 अप्रैल। प्रदेश के जिला सोलन की 13 साल की मुस्कान ग्रोवर दुनिया को अलविदा करने से पहले अपने नाम के अनुरूप 6 लोगों की जिंदगी में खुशियां बिखेर गई। दुर्घटना में गंभीर रुप से घायल होने के बाद पी.जी.आई. चंडीगढ़ पहुंची। वहां मुस्कान को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया जिसके बाद उसके परिवार के फैसले ने 6 रोगियों के जीवन में फिर से खुशियां भर गई।
दुर्घटनाग्रस्त होकर पीजीआई पहुंची मुस्कान इलाज के दौरान जिंदगी की जंग हार गई। उनके परिजनों ने समय रहते अंगदान का निर्णय कर सात लोगों की अंधेरी दुनिया में रोशनी बिखेरी है। मुस्कान के हृदय को ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से चेन्नई भेजा गया जबकि लिवर, दोनों किडनी, अग्न्याशय और दोनों कॉर्निया पीजीआई में अंगदान की प्रतीक्षा सूची में शामिल मरीजों में प्रत्यारोपित किया गया है।
गौर रहे कि 24 मार्च को अपने घर के बाहर साइकिल चलाते हुए मुस्कान ऊंचाई से गिर गई जिसके कारण उसके सिर में गंभीर चोट लग गई और वह कोमा में चली गई। सोलन के सिविल अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद परिजन मुस्कान को लेकर पीजीआई पहुंचे। 24 मार्च को ही मुस्कान को पीजीआई में भर्ती कर लिया गया। पीजीआई न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉ. अपिंद्रप्रीत सिंह ने बताया कि प्रो. एसके गुप्ता की निगरानी में मुस्कान को बचाने की पूरी कोशिश की गई, लेकिन उसकी हालत लगातार बिगड़ती ही जा रही थी। इलाज के दौरान 2 अप्रैल को मुस्कान को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया।
पी.जी.आई.एम.ई.आर के निदेशक प्रो. सुरजीत सिंह ने कहा कि अपने ही बच्चे के दुखद निधन के बीच कुछ अजनबियों के जीवन को बचाने के लिए सोचना अप्रत्याशित और अकल्पनीय है। मुस्कान के परिवार ने एक बहुत बड़ी मिसाल पेश की है। बता दें कि पिछले महीने 24 मार्च को एक्सीडेंट के दौरान उसे सोलन जिले को अस्पताल में भर्ती में करवाया गया। पी.जी.आई. अस्पताल के न्यूरोसर्जन विभाग के डा. अपिंदरप्रीत सिंह ने कहा सभी ने न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रमुख प्रो. एस.के गुप्ता की कड़ी निगरानी में मुस्कान को बचाने की पूरी कोशिश की लेकिन वहां के डॉक्टर उसे बचा न पाए। 2 अप्रैल को यहां पी.जी.आई.एम.ई.आर में टी.एच.ओए के प्रोटोकॉल का पालन करने के बाद उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। इस मुश्किल हादसे का सामना करते हुए मुस्कान का परिवार अंगदान के लिए सहमत हो गया। अपनी बेटी के बारे में पिता राजीव ग्रोवर ने अपनी बेटी को प्यारी, दयालु और रचनात्मक बताते हुए अपनी भावनाओं को प्रकट किया।दूसरों को अंगदान करके मुस्कान ने उन लोगों को एक नया जीवन दिया है।
मुस्कान की मां स्मृति ग्रोवर ने कहा कि हमारी बेटी हमारे लिए भगवान का सबसे बड़ा उपहार थी। अंगदान के फैसले के लिए हां कहना सबसे कठिन निर्णय था। प्रो. विपिन कौशल, चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि मुस्कान के माता-पिता के अंग दान के प्रस्ताव पर सहमति के साथ संबंधित विभागों ने परिवार के उदार निर्णय का सम्मान करने के लिए अंग मिलान प्राप्तकर्ताओं तक पहुंचना शुरू कर दिया।
नोटो द्वारा एम.जी.एम हेल्थकेयर चेन्नई में भर्ती एक मिलान प्राप्तकर्ता के लिए दिल को दान में दिया गया। लीवर, किडनी और संयुक्त अग्न्याश्य के लिए तीन प्राप्तकर्ताओं की पहचान हुई और सभी अंगों के प्रत्यारोपण सोमवार को पूरे किए गए। कॉर्निया को पी.जी.आई.एम.ई.आर में दो कॉर्नियल नेत्रहीन रोगियों को प्रत्यारोपित किया गया।