आवाज़ ए हिमाचल
अमित पराशर, धर्मशाला। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए सभी लोगों से जीवन के हर क्षेत्र में स्वदेशी को अपनाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि स्वयं स्वदेशी उत्पादों को अपनाने के साथ ही अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें। वे आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रमों की शृंखला में धर्मशाला में ‘भारत के स्वतंत्रता संग्राम में गणितज्ञ राधानाथ सिकंदर की भूमिका’ विषय पर आयोजित एकदिवसीय कार्यशाला एवं आजादी के अमृत महोत्सव के तहत एक माह तक चली विविध गतिविधियों के समापन समारोह में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। यह कार्यक्रम विज्ञान भारती द्वारा केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के साथ मिलकर केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला और राजकीय डिग्री कालेज धर्मशाला के सहयोग से आजादी के अमृत महोत्सव के कार्यक्रमों की शृंखला में धर्मशाला के त्रिगर्त सभागार में आयोजित किया गया था।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के अमृत काल में विश्वास जताया है कि भारत की आजादी के शताब्दी वर्ष तक अगले 25 साल हम देश के नव निर्माण के होंगे। उन्होंने कहा कि भारत को अब सोने की चिडिय़ा नहीं बल्कि सोने का शेर बनाने लिए प्रयास करने होंगे।
राज्यपाल ने कार्यक्रम में विशेष रूप से आमंत्रित माउंट एवरेस्ट फतह करने वाले हिमाचल के सात पर्वतारोहियों को सम्मानित किया। इनमें आईटीबीपी के डीआईजी प्रेम सिंह, बीएसएफ के सहायक कमांडेंट रविकांत नेगी, आईटीबीपी के मुख्य कांस्टेबल प्रदीप, राधा देवी, डिक्की डोलमा, बलजीत कौर और प्रवीण शामिल रहे। इस अवसर पर राज्यपाल ने महीने भर चली प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी सम्मानित किया।
कार्यक्रम में भारत के महान गणितज्ञ राधानाथ के जीवन और कत्र्तव्य पर बनी लघु फिल्म दिखाई गई। फिल्म में उनकी विलक्षण मेधा और गणितीय गणना की प्रतिभा एवं उपलब्धियों को दर्शाया गया था। पांच अक्तूबर, 1813 को जन्मे राधानाथ सिकदर ने बिना एवरेस्ट चढ़े गणितीय गणना से सबसे पहले माउंट एवरेस्ट की सही ऊंचाई का पता लगाया था। उनका देहांत साल 1870 में हुआ था। इसके अलावा कार्यक्रम में आजादी के अमृत महोत्सव पर तैयार चलचित्र भी दिखाया गया।