आवाज ए हिमाचल
शिमला, 1फरवरी। अस्पतालों में सस्ते टेस्ट करने के लिए नई कंपनी पर हिमाचल प्रदेश सरकार ने नई शर्तें लगाई हैं। अगर किसी मरीज के सैंपल की रिपोर्ट बिना जांच ही दी जाती है या सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव के बजाय पॉजिटिव दी जाती है तो कंपनी पर पहले 10 फिर 20 फीसदी जुर्माना और तीसरी बार सिक्योरिटी जब्त करने का प्रावधान किया गया है। कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी होगी। इसी महीने स्वास्थ्य विभाग और कंपनी के बीच एग्रीमेंट साइन होना है। 90 दिन के भीतर कंपनी को हिमाचल में सेवाएं देनी होंगी।
मेडिकल कॉलेजों, जोनल और सिविल अस्पतालों में मैसर्ज कृष्णा डायग्नोस्टिक प्राइवेट लिमिटेड पुणे को टेंडर दिया गया है। यह कंपनी आधी दरों पर मरीजों के टेस्ट करेगी। साथ ही 53 टेस्ट निशुल्क होंगे। 236 टेस्ट में 40 से 50 फीसदी तक छूट देनी होगी।
कंपनी को डिग्री और डिप्लोमा प्राप्त लोगों को नौकरी पर रखना होगा। सैंपल लेने और जांच करने के लिए पहले से व्यक्ति प्रशिक्षित होना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को छोड़कर अन्य मेडिकल कॉलेजों, जोनल अस्पतालों, सिविल अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ये प्रयोगशालाएं स्थापित होंगी। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से यह कंपनी मरीजों के सैंपल उठाएगी, उनकी जांच नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कराएगी। शाम तक कंपनी के कर्मचारी रिपोर्ट डॉक्टर को देंगे।
उप निदेशक डॉ. रमेश चंद ने कहा कि कंपनी के साथ अब एग्रीमेंट साइन होना है। इसके बाद टेस्ट के रेट तय किए जाएंगे। किस टेस्ट में 40 व किसमें 50 फीसदी की छूट रहेगी। इसका अलग से फार्म तैयार होगा।