आवाज़ ए हिमचाल
शिमला, 2 मई। हिमाचल प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों, जोनल अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के अलावा अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में भी मरीजों के मुफ्त टेस्ट होंगे। प्रदेश भर में 586 पीएचसी हैं, जिनमें डेढ़ माह के भीतर 63 तरह की बीमारियों के टेस्ट शुरू हो जाएंगे।
पीएचसी में जो टेस्ट मुफ्त में होंगे उनमें हीमोग्लोबिन, ब्लड ग्रुप, स्टूल, यूरिन, डेंगू, एचआईवी, एचसीवी एंटी बॉडी टेस्ट, ब्लड शुगर, ब्लड यूरिया आदि के टेस्ट शामिल हैं।
सूबे के ग्रामीण इलाकों की लाखों की आबादी के स्वास्थ्य का जिम्मा इन्हीं पीएचसी पर निर्भर है। दरअसल, प्रदेश सरकार ने पुणे की कंपनी के साथ टेस्ट के लिए करार किया है। पीएचसी में फार्मासिस्ट मरीजों के सैंपल लेंगे। कंपनी के कर्मचारी रोजाना पीएचसी से इन सैंपलों को नजदीकी अस्पतालों मेें स्थापित लैबों में ले जाएंगे। दोपहर बाद 4:00 बजे तक ये कर्मचारी सैंपलों की रिपोर्ट पीएचसी में पहुंचाएंगे। इसके बाद डॉक्टर मरीजों का उपचार शुरू कर सकेंगे।
करार के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कंपनी को सरकारी अस्पताल परिसरों में लैब स्थापित करने के लिए कह दिया है। पहले अस्पतालों में 11 तरह की श्रेणियों में आने वाले मरीजों को ही यह सुविधा मिलती थी, लेकिन अब सभी को मुफ्त टेस्ट सुविधा का लाभ मिलेगा। इसमें अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन भी शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग के उपनिदेशक रमेश चंद ने कहा कि करार के मुताबिक कंपनी टेस्ट में सरकार को 41 फ ीसदी तक छूट देगी। मरीजों के टेस्ट की राशि सरकार वहन करेगी। मरीजों से टेस्ट के पैसे नहीं लिए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि पीएचसी के अलावा मेडिकल कॉलेजों, जोनल अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी 233 तरह के मुफ्त टेस्ट होने हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के पीएचसी में लैब स्थापित नहीं की जा सकती हैं। ऐसे में इन केंद्रों से सैंपल एकत्र कर नजदीकी अस्पतालों में जांच कराई जाएगी। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग की अस्पतालों मेें अपनी लैब भी हैं। इनमें दोपहर 12:00 बजे तक ही मरीजों के सैंपलों की जांच होती है। इसके बाद अगर किसी मरीज के टेस्ट होने हैं तो उन्हें निजी लैब में जाना पड़ता है।