आवाज़ ए हिमाचल
मोरबी। गुजरात के मोरबी में 150 साल पुराने ब्रिज के ढहने से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई 14 नवंबर को करेगा। एक वकील द्वारा सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है, जिसमें अधिवक्ता ने राज्य सरकारों को पर्यावरणीय व्यवहार्यता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुराने और जोखिम भरे स्मारकों और पुलों के सर्वेक्षण और जोखिम मूल्यांकन के लिए समिति बनाने के निर्देश देने की भी मांग की है।
याचिका में राज्यों में स्थायी आपदा जांच दल को इस तरह की त्रासदियों में तुरंत शामिल होने के निर्देश देने की भी मांग की गई है। मच्छु नदी पर स्थित यह केबल पुल रविवार को टूट गया था और इस हादसे में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर सोमवार को 135 पहुंच गई। हादसे से पहले की वीडियो क्लिप में यह देखा जा सकता है कि पुल कुछ ही सेकंड के अंदर टूट गया और इस पर मौजूद काफी संख्या में लोग नदी में गिर गए।
मोरबी तारों के पुल का प्रबंधन करने वाले ओरेवा समूह के चार कर्मचारियों सहित नौ लोगों को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया। साथ ही, जिन कंपनियों को इसके (पुल के) रख-रखाव एवं संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, उसके खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया है। गुजराती नववर्ष के अवसर पर 26 अक्तूबर को लोगों के लिए केबल पुल को फिर से खोले जाने से पहले ओरेवा ने करीब सात महीने तक उसका मरम्मत कार्य किया था। नगर निकाय के एक अधिकारी ने बताया कि पुल को एक निजी उद्घाटन कार्यक्रम में फिर से खोला गया था और इसे नगर निकाय की ओर से फिटनेस प्रमाणपत्र मिलना बाकी था।