सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पंचायत चुनाव मतगणना पर रोक लगाने से किया इन्कार

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आवाज ए हिमाचल 

01 मई। देश की शीर्ष अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को होने वाली उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव की मतगणना पर रोक लगाने या फिर आगे बढ़ाने से इन्कार कर दिया है। कोर्ट में कोरोना वायरस संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए फिलहाल मतगणना पर रोक लगाने की मांग को लेकर याचिका दायर की गई थी। इसी मतगणना को रोकने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। जिस पर आज सुनवाई है। उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की दो मई को मतगणना भी है।

हाथरस के प्रधान की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएम खानविलकर के साथ जस्टिस हरीशकेश राव की बेंच ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की थी। हाथरस के ग्राम प्रधान कन्हैया लाल की तरफ से दाखिल की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। इस याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पंचायत चुनाव मतगणना पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि हमने राज्य चुनाव आयोग की तरफ से रखी गई बातों को नोट किया। हम इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश में दखल की ज़रूरत नहीं समझते। जो प्रोटोकॉल हमारे सामने रखा गया, उसका पूरी तरह पालन हो। मतगणना केंद्र के बाहर सख्त कर्फ्यू  हो। कोई विजय रैली न निकाली जाए।

इससे पहले कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार ने पूछा क्यों ना गणना दो हफ्ते आगे बढ़ाने पर विचार करें। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को गंभीरता से लेते राज्य निर्वाचन आयोग से भी जवाब मांगा था। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएम खेनवलकर व जस्टिस हरीशकेश राव की बेंच ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि क्यों ना यूपी में पंचायत चुनाव की मतगणना को दो हफ्ते के लिए स्थगित कर दिया जाए,तब तक हमारा मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर भी सुधरेगा और उम्मीद की जा सकती है कि तभी स्थिति सबसे ज्यादा बेहतर कंट्रोल में होगी। इस पर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि बहुत सोच समझकर मतगणना कराने का फैसला लिया गया है। कोविड गाइडलाइंस के अमल के साथ मतगणना को संपन्न कराया जाएगा। मतगणना रविवार को होनी है उस दिन उत्तर प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू  है। हमें पूरी उम्मीद है कि इस दौरान हालात नहीं बिगड़ेंगे। इस दौरान मतगणना केंद्र में सिर्फ ऐसे उम्मीदवार को ही आने की इजाजत दी जाएगी  जिनकी आरटीपीसीआर/एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव होगी। वहां पर किसी भी लक्षण वाले शख्स को प्रवेश की इजाजत नहीं होगी। मतगणना केंद्र तथा उसके बाहर भी मास्क पहनना और शारीरिक दूरी बनाये रखना अनिवार्य होगा। कहीं पर भी जीत का कोई जश्न नहीं होगा। किसी को भी भीड़ जुटाने की इजाजत नहीं होगी।

जस्टिस एएम खानविलकर ने कहा कि आपने कुल दो लाख 40 हजार सीट की मतगणना के लिए 800 सेंटर बनाये है। यानि हर सेंटर पर करीब तीन सौ सीट के वोट की गिनती होगी। यहां पर तो एक सीट पर कम से कम दस तो प्रत्याशी मतदान केंद्र में तो आएंगे ही। इस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने जवाब दिया कि इन सभी सीटों की मतगणना एक साथ नहीं होगी। एक बार में आठ टेबल पर मतगणना होगी। इसके साथ ही प्रत्याशियों को भी पता होगा कि कब उनकी सीटो पर मतगणना होगी।

याचिकाकर्ता की अपील थी कि प्रदेश में पंचायत चुनाव खत्म हो चुका है, लेकिन वोटों की गिनती होनी है। पंचायत चुनावों के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के कई मामले आए हैं। ऐसे में अभी के हालात को देखते हुए काउंटिंग पर रोक लगानी चाहिए। याचिका में कहा गया मतगणना के दौरान एक -एक टेबल पर 60 से 70 लोग होंगे जमा। निर्वाचन अधिकारी, मतगणना कर्मियों, प्रत्याशियों व उनके एजेंटों का जमावड़ा होगा। जिसके चलते मतदान में कोविड महामारी के तेजी से फैलने की आशंका है। कोविड प्रोटोकॉल का पालन न होने बड़ी संख्या में लोगों के संक्रमित होंगे। आशंका है कि मतगणना के दौरान बड़े पैमाने पर लोगों के संक्रमित हो सकते हैं। एक ग्राम पंचायत से अलग-अलग पदों पर 50-50 प्रत्याशी मैदान में हैं।

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