आवाज़ ए हिमाचल
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सशस्त्र बलों के सभी पात्र पेंशनभोगियों को वन रैंक-वन पेंशन (ओआरओपी) के तहत सभी बकाया का भुगतान करने के लिए 15 मार्च तक का समय दिया है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पीठ ने केंद्र से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि ओआरओपी के तहत सभी बकाया राशि का भुगतान शीघ्र किया जाए। ओआरओपी के तहत, समान वर्ष की सेवा के साथ समान रैंक पर सेवानिवृत्त होने वाले किसी भी दो सैन्य कर्मियों को समान पेंशन मिलनी चाहिए। शीर्ष अदालत ने पूर्व सैनिकों के संघ को भी आवेदन दायर करने की छूट दी है कि यदि वे ओआरओपी बकाया के भुगतान पर केंद्र की किसी भी कार्रवाई से असंतुष्ट हैं, तो सुप्रीम कोर्ट में शिकायत कर सकते हैं।
पिछले साल जून में पहली बार शीर्ष अदालत का रुख करने और 16 मार्च, 2022 के फैसले के अनुसार गणना करने और भुगतान करने के लिए तीन महीने का समय देने के बाद केंद्र सरकार को बकाया राशि का भुगतान करने के लिए शीर्ष अदालत द्वारा दिया गया यह दूसरा विस्तार है। शीर्ष अदालत का 2022 का फैसला इंडियन एक्स-सर्विसमेन मूवमेंट द्वारा अधिवक्ता बालाजी श्रीनिवासन के माध्यम से केंद्र के फार्मूले के खिलाफ दायर याचिका पर आया है।
सरकार बोली, मंजूरी के लिए रक्षा मंत्रालय को भेजी है लिस्ट
केंद्र की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने कहा कि रक्षा लेखा महानियंत्रक (सीजीडीए) द्वारा सारणीकरण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और तालिकाओं को अंतिम मंजूरी के लिए रक्षा मंत्रालय को भेज दिया गया है। वेंकटरमणी ने कहा कि 15 मार्च तक सशस्त्र बलों के 25 लाख पेंशनभोगियों के खातों में पैसे आना शुरू हो जाएंगे।