सुखाश्रय योजना को कानून बनाएगी प्रदेश सरकार, विधानसभा में बिल लाने को कैबिनेट की मंजूरी

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आवाज ए हिमाचल 

शिमला। हिमाचल सरकार बेसहारा बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल के लिए मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना को कानूनी रूप देने जा रही है। इस योजना को लेकर एक विधेयक विधानसभा में रखा जाएगा, जिसके ड्राफ्ट को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। मंत्रिमंडल की बैठक मंगलवार शाम को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई।

इस बैठक में कैबिनेट ने आगामी सेब सीजन से पहले एचपीएमसी एक्ट की धारा 59 में प्रदत अधिकारों के इस्तेमाल के लिए एपीएमसी के सचिवों के अलावा सभी एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार और एग्रीकल्चर तथा हॉर्टिकल्चर में विषयवाद विशेषज्ञ से ऊपर के सभी अधिकारियों को अधिकृत कर दिया। ये सेब सीजन के दौरान बागबानों को किसी भी प्रकार की ठगी से बचाएंगे और कारोबार में गलत तरीके इस्तेमाल करने वाले लोगों पर नजर रखेंगे। सेब सीजन के अलावा सभी सब्जी मंडियों में व्यवस्था चेक करने का अधिकार भी इनको होगा।

कैबिनेट ने नादौन में एचआरटीसी का बस डिपो खोलने को सहमति दे दी, जो इलेक्ट्रिक बसों का ऑपरेशन भी देखेगा। मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश पैरामेडिकल काउंसिल एक्ट 2003 को रिपील करने का फैसला भी लिया है।

इस बारे में एक विधेयक बजट सत्र में रखा जा सकता है। मंत्रिमंडल ने वाटर सेस एक्ट के बाद इसके नियमों को भी मंजूरी दे दी। कैबिनेट के सामने कोरोना की ताजा स्थिति पर प्रेजेंटेशन दी गई और मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को अगले दो हफ्ते तक स्थिति पर नजर रखने के लिए कहा है।

कैबिनेट ने सैंपल इन बढ़ाने और भीड़ वाली जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग तथा मास्क की तैयारी के लिए लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि अभी किसी तरह की बंदिशों पर फैसला नहीं हुआ है।

 

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