आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। सुक्खू सरकार सरकारी बजट के खर्च को लेकर सख्त हो गई है। सरकार ने करीब 100 योजनाओं और कार्यों के टेंडर रद्द कर दिए है। यह कार्रवाई सितंबर माह में लगाई गईं निविदाओं पर की गई है। लोक निर्माण, जल शक्ति समेत विभिन्न विभागों की निविदाओं पर सरकार ने यह सख्त फैसला लिया है। अधूरे दस्तावेज, तकनीकी कारण या एक ही निविदा आना इसके कारण रहे। प्रमुख मामलों की बात करें तो हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) मशोबरा में सभागार का निर्माण किया जाना है।
इसके लिए 19,86,695 रुपये का प्रावधान है। इस टेंडर को रद्द किया गया है। इसके लिए प्रशासनिक कारण बताए गए हैं। इसी तरह से ठियोग में एक संयुक्त कार्यालय भवन के टेंडर को भी प्रशासनिक कारण बताकर रद्द कर दिया गया है। इस भवन को 22.47 लाख रुपये की लागत से बनाया जाना है। इसमें लिफ्ट भी लगाई जानी प्रस्तावित है। सुजानपुर में बनाए जा रहे 38.88 लाख रुपये का टेंडर भी रद्द किया गया है।
इसकी वजह अकेली निविदा का आना है। कोटखाई तहसील की पुड़ग सड़क के लिए 6.40 लाख, आईजीएमसी शिमला के नर्सिंग एवं बालिका छात्रावास की लिफ्ट के आधुनिकीकरण का 17.34 लाख रुपये से आधुनिकीकरण कार्य आदि की निविदाएं रद्द की गई हैं।
डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी में आउटसोर्स के आधार पर चालकों की नियुक्तियां की जानी हैं। इन्हें भी रद्द किया गया है। 42 लाख 45 हजार 192 रुपये का एक टेंडर भी रद्द किया गया है। इसकी वजह है कि इसके लिए किसी ने तय तिथि में टेंडर ही नहीं लगाया।
उधर, बिजली बोर्ड ने पुराने कंडम वाहनों की नीलामी और अन्य बेकार सामग्री के निस्तारण के लिए जवाली, नूरपुर, चंबा, कंदरोड़ी और डलहौजी मंडलीय स्टोरों में निविदा लगाई थीं, मगर इन्हें रद्द कर दिया गया। यह एक करोड़ 67 लाख रुपये का टेंडर लगाया गया, मगर इसे तकनीकी कारणों से रद्द बताया गया है।