आवाज ए हिमाचल
24 जनवरी।नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन वाली सरकार ने नंबरदारों को भी नहीं बख्शा है। प्रदेश के नंबरदार पिछले 10 महीने से अपने मानदेय इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है। दस महीने से बेहद कम मानदेय पाने वाले लोगों का वेतन रोकने से पहले सरकार को ऐसे लोगों के बारे में भी सोचना चाहिए। वेतन या मानदेय जो भी हो, वही कर्मचारी के परिवार पालने का साधन होता है।शुक्रवार को जयराम ठाकुर ने कहा कि यह स्थिति सिर्फ एक विभाग या एक क्षेत्र की नहीं है। हर जगह लोग इसी प्रकार की स्थिति का सामना कर रहे हैं। यह परिस्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है कि अपना काम करने के बाद बेहद छोटी-छोटी धनराशि पर काम करने वाले लोगों को उनका मानदेय समय से नहीं मिल रहा है। विभिन्न आउटसोर्स और अस्थायी पदों पर काम कर रहे कर्मियों की भी यही स्थिति है।नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बीते कल ही नाहन मेडिकल कॉलेज में इंटर्नशिप कर रहे एमबीबीएस के छात्रों को स्टाइपेंड न देने की खबरें भी प्रमुखता से प्रकाशित हुई थीं। छात्रों को इंटर्नशिप के दौरान दिया जाने वाला स्टाइपेंड उन छात्रों के भरण पोषण के काम आता है। उन्हें परिवार पर आश्रित नहीं रहना पड़ता है, लेकिन सरकार ने इंटर्नशिप कर रहे डॉक्टर्स का भी स्टाइपेंड भी नहीं दे रही है।नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने समस्त प्रदेशवासियों को हिमाचल प्रदेश के 55वें पूर्ण राज्यत्व दिवस की शुभकामनाएं भी दीं। उन्होंने कहा कि 25 जनवरी 1971 से शुरू हुआ यह सफर निरंतर आगे की तरफ बढ़ता जा रहा है। पहाड़ी राज्य ने खुद को शिखर पर ले जाने के लिए पहाड़ जैसी चुनौतियों का सामना किया।