सुक्खू कैबिनेट में विशेष पैकेज को मंजूरी, वनमित्र के 2061 व वन रक्षकों के 100 पदों पर होगी भर्ती 

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आवाज़ ए हिमाचल 

शिमला। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में बड़े फैसले लिए गए। बैठक में हर फॉरेस्ट बीट पर एक वन मित्र की तैनाती और वन रक्षकों के अनुबंध आधारित 100 पदों पर भर्ती को मंजूरी दी गई। कैबिनेट ने इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश के आपदा पीड़ितों के लिए 4500 हजार करोड़ के विशेष राहत पैकेज को भी मंजूरी दी है।

 बुधवार दोपहर से लेकर देर शाम तक चली कैबिनेट की बैठक में जल रक्षकों, मल्टी पर्पज कर्मियों, पैरा फिटर्स और जलशक्ति विभाग के पप ऑपरेटरों (Pump Operators) के मानदेय में प्रतिमाह 500 रुपए की वृद्धि को भी स्वीकृति दी है। इससे इन कर्मियों का मानदेय 5000 रुपए, 4400 रुपए और 6000 रुपए हो जाएगा। कैबिनेट ने चिंतपूर्णी बाबा माई दास भवन पार्किंग से चिंतपूर्णी मंदिर तक रोपवे (Ropeway) बनाने को मंजूरी दी है। ऊना जिले में बनने वाले इस रोपवे पर 76 करोड़ से ज्यादा खर्च होंगे। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के बेघरों के लिए शहरी इलाके में दो बीघा और ग्रामीण इलाकों में 3 बीघा जमीन आवंटित करने का निर्णय लिया है।

 

कैबिनेट के अहम फैसले

  • परिवहन विभाग में 15 ई-टैक्सियां किराए पर ली जाएंगी।
  • सभी जिलों में कम्युनिटी रेडियो को आपात समय में वैकल्पिक संचार साधन के रूप में बढ़ावा दिया जाएगा।
  • सीसे पर एडीशनल गुड्स टैक्स 25 पैसे प्रति किलो घटाया गया।
  • प्राइवेट ऑपरेटर्स के 234 रूट्स और टेम्पो ट्रैवलर्स के लिए 100 और रूटों को खोलने को मंजूरी।
  • मोटर वाहन अधिनियम 1988 के विभिन्न प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई के लिए ट्रैफिक इंस्पेक्टर्स, मोटर वेहिकल
  • इंस्पेक्टर्स, पुलिस के एएसआई और हेड कॉन्स्टेबल को प्राधिकारी बनाने को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।

 

हिमाचल कैबिनेट ने इस पैकेज को प्राप्त करने वाले परिवारों के लिए कट ऑफ तारीख 30 सितंबर 2023 निर्धारित की है। इसके तहत पूरी तरह से तबाह घरों को बनाने के लिए अब 7 लाख रुपए मिलेंगे। कच्चे मकानों में रहने वाले आपदा पीड़ित परिवारों को एक लाख और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त पक्के घरों की मरम्मत के लिए 1 लाख रुपए दिए जाएंगे। ढाबे या दुकानों को हुए नुकसान के लिए 50 हजार रुपए का मुआवजा मिलेगा। गौशालाओं के लिए 50 हजार और किराए पर रहने वाले परिवारों को उनके सामान को हुए नुकसान पर 50 हजार रुपए का मुआवजा मिलेगा। बकरी, सुअर, भेड़ के प्राकृतिक आपदा में मारे जाने पर 6000 रुपए प्रति पशु के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा। कृषि और बागवानी की जमीन को हुए नुकसान पर 3615 रुपए प्रति बीघा मुआवजे की जगह 10 हजार रुपए का मुआवजा मिलेगा।

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