आवाज़ ए हिमाचल
27 अप्रैल। कोरोना की दूसरी लहर से हाहाकार पर भी देश में सियासत चरम पर है। वैक्सीन की कीमत, लॉकडाउन, ऑक्सीजन की उपलब्धता और मजदूर पलायन जैसे मामले में केंद्र सरकार और राज्य आमने सामने हैं। केंद्र और राज्य एक दूसरे को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। कोरोना महामारी के कठिनतम दौर में सियासी एकजुटता हवा हो गई है। कोरोना से निपटने के मामले में राज्य और केंद्र अलग-अलग रणनीति अपना रहे हैं।
दिल्ली, महाराष्ट्र, झारखंड, राजस्थान जैसे गैरराजग शासित राज्यों ने लॉकडाउन का विकल्प चुना, तो भाजपा शासित राज्यों ने इससे परहेज किया। प्रधानमंत्री के लॉकडाउन को अंतिम विकल्प के रूप में आजमाने की अपील के बाद महाराष्ट्र ने लॉकडाउन लगाया, जबकि दिल्ली ने लॉकडाउन की मियाद बढ़ा दी। लॉकडाउन के बाद केंद्र और राज्य वैक्सीन की कीमतों के सवाल पर आमने-सामने आ गए। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा वैक्सीन की अलग-अलग कीमत तय करने पर विवाद शुरू हो गया।
कीमतों की घोषणा के बाद दिल्ली, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, राजस्थान जैसे कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोला। बीते हफ्ते प्रधानमंत्री की मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक में भी वैक्सीन की कीमत का मामला उठा। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी पीएम को पत्र लिख कर टीकों की कीमत पर आपत्ति जता चुकी हैं।