आवाज़ ए हिमाचल
दाड़लाघाट। अदाणी कंपनी का अंबुजा सीमेंट प्लांट बंद करने के फरमान से होने से नाराज चल रहे ट्रक ऑपरेटर्स आज कंपनी के गेट पर इकट्ठे हो गए हैं। ट्रक ऑपरेटर्स अदाणी के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं। माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। पुलिस माहौल को शांत करने का प्रयास कर रही है। इससे पहले चार हजार ट्रक ऑपरेटर्स ने दाड़लाघाट में बैठक कर रणनीति बनाई।
कंपनी के बंद होने के निर्देशों के बाद सभी ऑपरेटरों ने अपने ट्रक यार्ड में खड़े कर दिए है। यार्ड पूरी तरह से भर गया तो उसके बाद ट्रक ऑपरेटरों ने सड़कों पर ट्रक खड़े करने शुरू कर दिए। सड़क किनारे सैकड़ों ट्रक खड़े हो चुके हैं। अब यहां जाम की समस्या भी होगी, क्योंकि ज्यादातर ट्रक सड़कों पर खड़े हो गए हैं।
एसीएल प्रबंधन और कर्मचारियों के बीच भी कई दिन से विवाद चल रहा है। अदाणी समूह ने बीते दिनों जारी एक पत्र में कंपनी में कार्यरत कर्मचारियों से कहा है कि ट्रक को परिवहन कार्य या कंपनी में नौकरी का विकल्प चुनें। कंपनी प्रबंधन ने 15 नवंबर को एक सहमति पत्र जारी किया था और ट्रक को उनके या उनके परिवार के सदस्यों के स्वामित्व वाले ट्रकों का विवरण प्रस्तुत करने के लिए 90 दिनों का समय दिया था, जो इसके साथ परिवहन कार्य में लगे थे। कंपनी की नीति के अनुसार, कर्मचारी एक निश्चित अवधि के भीतर या तो इस्तीफा दें या अपने ट्रक को कंपनी से हटा दें।
सताने लगी रोजगार की चिंता
अंबुजा सीमेंट प्लांट बंद होने से न केवल कर्मचारियों और ट्रांसपोर्टरों को रोजगार का डर सता रहा है, बल्कि क्षेत्र में दुकानें चलाने वाले कारोबारियों की चिंता भी बढ़ गई है। क्षेत्र के हजारों लोगों का रोजगार कंपनी से जुड़ा है। इसमें मेकेनिक, ढाबा मालिक, दुकानदार, सब्जी विक्रेता समेत कई कारोबारी हैं, जो कंपनी के दम पर ही परिवार चला रहा हैं। न केवल दाड़लाघाट बल्कि अर्की, पिपलुघाट, भराड़ी, चमाकड़ी पुल, शालाघाट समेत दर्जनों क्षेत्र के लोगों का यहां से रोजगार जुड़ा है। रोजाना आने वाले हजारों ट्रक चालकों और कंपनी के कर्मचारियों की आवाजाही से इनका कारोबार भी फल-फूल रहा है। कंपनी के अचानक लिए गए निर्णय के बाद अब इनका रोजगार उजड़ने का खतरा भी पैदा हो गया है। बीते 20 से 25 सालों से यहां लोग अपना रोजगार चला रहे हैं।