आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में उपमुख्यमंत्री सहित सीपीएस की नियुक्तियों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई 18 सितंबर तक के लिए टल गई है। मामले की सुनवाई के पश्चात कोर्ट ने अंतरिम राहत के तौर पर सभी सीपीएस को काम करने से रोकने की मांग को फिलहाल लंबित रखने का फैसला सुनाते हुए कहा कि पहले सरकार द्वारा याचिकाओं की गुणवत्ता परउठाए गए मुद्दे को निपटाया जाना जरूरी है। याचिकाकर्ता ऊना से विधायक सतपाल सिंह सत्ती और अन्य 11 विधायकों ने मामले के अंतिम निपटारे तक सभी सीपीएस को काम करने से रोकने के आदेशों की मांग की थी। प्रार्थियों की ओर से अंतरिम राहत के लिए दायर आवेदन को सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ध्यान में रखते हुए निपटाने की गुहार लगाई थी। मामले पर बहस के दौरान सरकार द्वारा मामले से जुड़ी सभी याचिकाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठाया। सरकार की ओर से महाधिवक्ता अनूप रत्तन ने मामले की पैरवी करते हुए कहा कि सभी याचिकाएं हाई कोर्ट के नियमों के अनुसार दायर नहीं की गई है, इसलिए इन याचिकाओं को इसी आधार पर खारिज किए जाने का आवेदन सरकार की ओर से दायर किया गया है।
मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने प्रार्थियों के अंतरिम राहत की मांग वाले आवेदन को लंबित रखते हुए कहा कि पहले सरकार द्वारा उठाए गए गुणवता के मुद्दे को निपटाया जाना जरूरी है।