आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मादक द्रव्यों और स्वापक औषधी मनः प्रभावी पदार्थों के अवैध व्यापार रोकथाम अधिनियम-1988 के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की। उन्होंने कहा कि एसओपी मादक पदार्थों की तस्करी और अवैध गतिविधियों से निपटने के लिए तैयार की गई है। इसमें आरोपी को हिरासत में लेने, हिरासत के आदेशों को निष्पादित करने और गैर-कानूनी रूप से अर्जित संपत्तियों को जब्त करने की विस्तृत प्रक्रिया बताई गई है।
सीएम सुक्खू ने कहा कि अवैध नशीले पदार्थों की तस्करी से समाज के लिए खतरा उत्पन्न होता है जो हम सभी के लिए चिंता का विषय है। इस खतरे से निपटना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों को रोकने के लिए एक समर्पित विशेष कार्य बल कार्य कर रहा है। इस संबंध में मार्गदर्शन करने के लिए एक सलाहकार बोर्ड भी स्थापित किया गया है।
सीएम सुक्खू ने कहा कि ड्रग तस्करों की गतिविधियों का राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। ये अवैध कार्य अत्यधिक संगठित तरीके से किए जाते हैं और गुप्त रूप से ड्रग तस्करी का पैमाना काफी बड़ा होता है, इसलिए ऐसी गतिविधियों की प्रभावी रोकथाम तथा इसमें संलिप्त लोगों की धरपकड़ नितांत आवश्यक होती है।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, सचिव गृह डॉ. अभिषेक जैन, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सतवंत अटवाल और अभिषेक त्रिवेदी इस अवसर पर उपस्थित थे।