सीआईडी ने स्टेट ड्रग कंट्रोलर की शिकायत के बाद उठाया यह कदम

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आवाज़ ए हिमाचल 
                शांति गौतम ( बीबीएन ) 
04 दिसंबर। हिमाचल प्रदेश राज्य ड्रग कंट्रोलर की शिकायत पर सीआईडी ने दो गिरफ्तारियां की है। आरोप है कि बद्दी स्थित कंपनी ने फर्जी बिल के आधार पर दवाईयां बेची है। इस मामले में सीआईडी ने कंपनी के मालिक व मनैजर को गिरफ्तार किया है। अब सीआईडी उनसे फर्जी बिल के आधार पर अन्य राज्यों में भी दवाईयों को बेचने वाले सिंडीकेट का पता लगाने का प्रयास कर रही है। इस कंपनी ने गत दो साल में एनडीपीएस अनुसूचित दवाओं सहित 100 करोड़ रुपये से अधिक की दवाओं का लेन-देन किया गया है, जिसकी सीआईडी अब जांच कर रही है कि कहीं ये पूरा लेन देन फर्जी बिल के आधार पर तो नहीं किया है। सीआईडी से प्राप्त जानकारी के अनुसार स्टेट ड्रग,

कंट्रोलर नवनीत मारवाह और उनके अधिकारियों की टीम ने हिमाचल प्रदेश में बद्दी स्थित एक थोक दवा लाइसेंस धारक ट्रेडिंग कंपनी, जिसका मुख्यालय जीरकपुर में है के लेनदेन का ऑडिट किया और फर्म की संदिग्ध बिक्री पाई। इसके बाद उन्होंने राज्य पुलिस से मामले की गहनता से जांच करने का आग्रह किया। जांच में गड़बड़ी सामने आने पर सीआईडी ने कंपनी के मालिक दिनेश बंसल (38), जो पंजाब के बरनाला जिले के रहने वाले हैं तथा उसके पानीपत के मैनेजर सोनू सैनी (32) को स्टेट सीआईडी ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया। सीआईडी से प्राप्त जानकारी के अनुसार पूछताछ के दौरान पता चला कि कंपनी ने एनडीपीएस दवाओं को बेचने के लिए फर्जी बिल तैयार किए थे, जिसमें नाइट्राजेपम, कोडीन और एटिजोलम शामिल थे।

इन फर्जी बिलों में मंडी स्थित थोक दवा डीलर के नाम से उक्त टैबलेट बेचने का जिक्र था। प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि मंडी स्थित ड्रग डीलर को कभी भी ऐसी दवाएं नहीं मिलीं। इसके अलावा यह पता चला है कि कंपनी के मालिक ने अपनी टोयोटा इनोवा निजी कार का इस्तेमाल एनडीपीएस दवाओं को राजस्थान, पंजाब आदि में ले जाने के लिए किया था, जो एनडीपीएस अधिनियम के नियमों का उल्लंघन है। कंपनी के मालिक व मेनेजर के खिलाफ सीआईडी ने एनडीपीएस अधिनियम की धारा 8, 21, 22, 29 और आईपीसी की धारा 420, 468, 471 और 120 के तहत मामला दर्ज किया है। सीआईडी ने कंपनी के मोहाली जिले के जीरकपुर में उनके कार्यालय और गोदाम और बद्दी में गोदाम पर छापा मारा, जिसमें चौंकाने वाले खुलासा हुआ है।

हालांकि अभी भी कंपनी के कागजातों का निरीक्षण जारी है। लेकिन सीआईडी की जांच के दौरान पता चला है कि पंजाब में इससे पहले 2018-19 में ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के उल्लंघन के लिए थोक दवा लाइसेंस रद्द कर दिया गया था। कंपनी ने 2019 में बद्दी में अपना थोक दवा व्यवसाय शुरू किया। वह पंजाब के बरनाला में एक फ ार्मा फैक्ट्री भी चला रहे हैं। यह पाया गया है कि दो वर्षों के भीतर, एनडीपीएस अनुसूचित दवाओं सहित 100 करोड़ रुपये से अधिक की दवाओं का लेन.देन किया गया है। जांच में यह भी सामने आया है कि फ र्म ने दवाईयों की खेप राजस्थान और देश के अन्य हिस्सों में भेजी हैं।

अन्य राज्यों में कंपनी के जाल की जांच के लिए गठित की विशेष टीमे : –

कंपनी के अन्य राज्यों में कथित लेन देने की जांच के लिए सीनियर एसपी स्टेट नारकोटिक्स क्राइम कंट्रोल यूनिट के प्रमुख और आईजी क्राइम ने पूरे मामले की निगरानी व जांच के लिए विशेष टीमें गठित की हैं। यह टीमे इस कंपनी के राजस्थान, पंजाब और यूपी में किए गए लेनदेन की जांच करेगी। साथ ही आरोपी के पूरे उत्तर भारत में संभावित अंतरराज्यीय ड्रग तस्करी सिंडिकेट का पता लगाने का प्रयास किया जाएगा।

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