आवाज ए हिमाचल
19 अप्रैल। सिरमौर जिले के गिरिपार क्षेत्र में अदरक का बीज अज्ञात रोग की चपेट में आने से बरबाद हो गया है। इससे क्षेत्र के किसानों को भारी चपत लगी है। उनके हाथ अदरक की खेती से भी खाली रह गए हैं। सैकड़ों क्विंटल अदरक का बीज सड़कर बरबाद हो चुका है। अदरक उत्पादकों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ झलक रही हैं। किसानों की खात्ती (भूमिगत गोदाम) में पड़ा अदरक पूरी तरह नष्ट हो गया है। जानकारी के अनुसार बीते अक्तूबर माह में वर्षा न होने के कारण किसानों ने अदरक को खेतों से नहीं निकाला। जब नवंबर में वर्षा का क्रम जारी हुआ तो किसानों ने अदरक को खेतों से निकालकर उसे खात्ती में दबाकर रख दिया। इससे मौसम की मार ने अदरक को अज्ञात रोग की चपेट में ले लिया।
गिरिपार क्षेत्र के सैंज, लुधियाना, अंधेरी, अरट व शिवपुर आदि कई इलाकों में सैकड़ों क्विंटल अदरक का बीज सड़कर बरबाद हो गया। अदरक उत्पादक काकूराम, बलबीर सिंह, सोम प्रकाश और वीरेंद्र सिंह आदि ने बताया कि अज्ञात रोग के कारण उनका अदरक बीज सड़कर बरबाद हो गया है। उन्होंने अपनी उपज के लिए ही अदरक के बीज को संभालकर रखा था। उन्हें किसी भी कीमत पर अब बीज उपलब्ध नहीं हो रहा है। यहां तक कि अधिकतर किसानों ने कृषि विभाग को भी अपना बीज बेच दिया है, जिससे अदरक का अच्छा बीज प्रदेश के दूसरे जिलों में पहुंच गया, लेकिन जिले के किसानों को अदरक के बीज से हाथ धोना पड़ रहा है।
उधर, कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. पवन कुमार ने बताया कि उन्हें अदरक का बीज खराब होने की कोई जानकारी नहीं है। किसानों को दवाइयों का प्रयोग करके अदरक को स्टोर करना चाहिए था। अदरक की खेती के लिए किसानों को अब अपने स्तर पर ही बीज उपलब्ध करना होगा। कृषि विभाग पड़ोसी जिलों में अदरक के बीज की आपूर्ति कर चुका है। किसानों की मदद के लिए विभाग के पास बीज अब उपलब्ध नहीं है।