आवाज़ ए हिमाचल
जी डी शर्मा, राजगढ़। सिरमौर जिले के गिरीपार क्षेत्र में हाटी फैक्टर नहीं चल पाया, जिसका परिणाम विधानसभा चुनाव में देखने को मिला। कांग्रेस ने भाजपा को शिकस्त देकर चुनाव में बाजी मार ली। यहां तक कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के करीबी माने जाने जाने बलदेव तोमर भी शिलाई से चुनाव हार गए।
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी अपनी चुनावी रैलियों में हाटी के मुद्दे को खूब भुनाने की कोशिश की था। यहां तक कि गिरिपार क्षेत्र में आने वाले विधानसभा क्षेत्रों में भी प्रत्याशियों ने पूरे चुनाव प्रचार में इसे केंद्र सरकार की बड़ी सौगात बताया था, लेकिन भाजपा की सारी उम्मीदों पर इस चुनाव में पानी फिरता नजर आया।
नाहन विधानसभा चुनाव में सिरमौर जिले में हाटी फैक्टर भी नहीं चल पाया। पूरे चुनाव प्रचार में जिला में भाजपा ने इसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर पेश किया था। अलबत्ता कांग्रेस ने भाजपा को शिकस्त देकर चुनाव में बाजी मार ली।
दरअसल विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने सिरमौर जिला के गिरीपार क्षेत्र के हाटी समुदाय को जनजातीय का दर्जा देने का ऐलान कर बड़ा दांव खेला था। जिला के 4 विधानसभा क्षेत्रों शिलाई, रेणुका जी, पांवटा साहिब व पच्छाद की करीब 1.60 लाख हाटी समुदाय की आबादी इससे लाभान्वित होनी थी। हाटी समुदाय की अधिकतर संख्या शिलाई व रेणुका जी क्षेत्र में ही आती हैं। ऐसे में इन दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस ने भाजपा का चारों खाने चित कर दिया। शिलाई से कांग्रेस प्रत्याशी हर्षवर्धन चौहान व रेणुका जी से विनय कुमार ने इस चुनाव में जीत दर्ज की। हालांकि भाजपा के लिए राहत की बात यह रही है कि पांवटा साहिब से सुखराम चौधरी व पच्छाद से रीना कश्यप चुनाव जीत गई, लेकिन इन दोनों ही क्षेत्रों में हाटी समुदाय की आबादी कम है।