आवाज़ ए हिमाचल
पालमपुर। सरकार से एक प्रेस विज्ञाप्ति के माध्यम से सिप्पी जाति को हिमाचल में अनुसूचित जनजाति का दर्जा अभिलम्ब दिए जाने की जोरदार मांग करते हुए गद्दी सिप्पी उत्थान संस्था चम्बा-कांगड़ा (हि. प्र.) के प्रदेशाध्यक्ष हाकम भारद्वाज (सिप्पी) ने कहा कि इस मांग को लेकर हमारी संस्था कई बार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी से मिल चुकी है और समय-समय पर सबूतों के साथ लिखित और मौखिक तौर पर सरकार के ध्यानार्थ यह अवगत कराया गया है कि सिप्पी जाति हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और पंजाब में निवास करती है और इस समय राजस्व विभाग रिकॉर्ड के अनुसार चम्बा के भरमौर क्षेत्र में सिप्पी जाति के लोगों को ST का दर्जा दिया गया है और अन्य क्षेत्रों में जैसे चम्बा जिले की अन्य तहसीलों तथा कांगड़ा, मंडी आदि में सिप्पी जाति SC दर्जे में शामिल की गई है। भरमौर में आज सिप्पी जाति को अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिला हुआ है। मगर भरमौर की सीमा से बाहर आते ही इसी जाति के लोग अनुसूचित जाति में बदल जाते हैं।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सिप्पी जाति के लोग अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति दर्जे के फेर में फंसकर रह गए हैं। इस दोहरे मापदंड के चलते सिप्पी जाति के लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जाति वर्गे में दुरूस्ती को लेकर सिप्पी समुदाय सरकार से कई बार गुहार लगा चुका है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है।
हाकम भारद्वाज ने मांग कि है कि सरकार इस विसंगति को अति शीघ्र दूर करे और सिप्पी जाति को न्याय दिलाए।