आवाज ए हिमाचल
01 फरवरी। कोरोना के चलते टलती रही हिमाचल प्रदेश पुलिस की सिपाही भर्ती अब जयराम सरकार के फैसले के इंतजार में अटकी है। कैबिनेट ने सिपाही के 1334 पद भरने की मंजूरी दी थी। इसके बाद दिसंबर 2020 में वित्त विभाग से संस्तुति मिलने के बाद गृह विभाग ने डीजीपी संजय कुंडू को भर्ती करने के संबंध में पत्र लिखा था, लेकिन एक महीना बाद भी पुलिस मुख्यालय आवेदन प्रक्रिया शुरू नहीं कर सका है। सूत्रों का कहना है कि पुलिस मुख्यालय ने सरकार से इंटरव्यू कराने को लेकर स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा था। दरअसल, सभी विभागों में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती के लिए इंटरव्यू नहीं होते हैं। पिछली भर्ती के दौरान भी पुलिस ने सरकार के निर्देश न मिलने के चलते इंटरव्यू कराए। पुलिस मुख्यालय ने इंटरव्यू में अंक देने को लेकर एक प्रक्रिया भी बनाई और अंक देने के लिए आनलाइन प्रक्रिया शुरू की, जिससे अंकों में बदलाव न हो सके।
इंटरव्यू पर तमाम तरह के सवाल उठते रहे हैं। इस बार मुख्यालय ने सरकार से फिर से इंटरव्यू को लेकर निर्णय करने की गुजारिश की थी। पुलिस एक्ट में संशोधन के बिना इंटरव्यू की प्रक्रिया को खत्म नहीं किया जा सकता। यही वजह है कि मुख्यालय लगातार सरकार से इस संबंध में संपर्क में है। सूत्रों का कहना है कि अगर सरकार ने फैसला न लिया तो इस महीने भर्ती प्रक्रिया पुरानी व्यवस्था के तहत शुरू की जा सकती है।
युवाओं की भी बढ़ रही हैं मुश्किलें
पिछले दिसंबर 2019 में मुख्यमंत्री ने सिपाही भर्ती की एक कार्यक्रम के दौरान घोषणा की थी। बजट सत्र के दौरान भर्ती का जिक्र किया गया, लेकिन कोरोना के चलते जयराम मंत्रिमंडल ने भर्ती को हरी झंडी नहीं दी। कोरोना का असर कम होने पर भर्ती को शुरू करने की इजाजत दी, लेकिन अब पीएचक्यू के भर्ती शुरू न करने से युवाओं की मुश्किलें बढ़ गई हैं।दरअसल, सिपाही भर्ती में युवाओं के लिए उम्र की सीमा होती है। तय से एक दिन भी ज्यादा दिन की उम्र होने पर भर्ती में शामिल नहीं हो सकते। ऐसे में बड़ी संख्या में ऐसे युवा हैं, जिन्हें देरी की वजह से मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है।