आवाज ए हिमाचल
विक्रम सिंह, धर्मशाला। गगल हवाई अड्डे का मॉडल और स्ट्रक्चर (संरचना) क्या होगा, इसका खुलासा सितंबर में होगा। इस स्ट्रक्चर के निर्माण को केंद्रीय जल और विद्युत अनुसंधानशाला (सीडब्ल्यूपीआरएस) पुणे की टीम अमलीजामा पहनाने में जुटी है। गगल हवाई अड्डे के विस्तारीकरण को लेकर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन तैयारियों में जुटा है। जिला प्रशासन हवाई अड्डे के लिए भूमि अधिग्रहण करने की औपचारिकताएं पूरी करने में जुटा है। अब गगल एयरपोर्ट का मॉडल कैसा होगा। यहां पर क्या-क्या और कहां-कहां बनेगा, इन सब के स्ट्रक्चर को बनाने में सीडब्ल्यूपीआरएस पुणे की टीम जुटी है। टीम गगल एयरपोर्ट समेत विस्तारीकरण की जद में आने वाली जमीन, एयरपोर्ट से होकर गुजरने वाली खड्डों, नालों और कूहलों का सर्वेक्षण कर लौट चुकी है। इसके अलावा टीम को ड्रोन सर्वे की रिपोर्ट भी दी जा चुकी है। टीम इस काम को अंतिम रूप दे रही है। उम्मीद है कि सितंबर में यह काम पूरा हो जाएगा। सितंबर में गगल एयरपोर्ट विस्तारीकरण की स्थिति पूरी तरह साफ हो जाएगी कि मांझी खड्ड के चैनेलाइजेशन के बाद यहां पर कितनी मोटी कंकरीट की परत चढ़ेगी और एयरपोर्ट से होकर जाने वाली कूहलों और नालों को किस प्रकार से व्यवस्थित कर लोगों को सुविधा मुहैया करवानी है।
गगल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण से कांगड़ा और शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के 14 गांव प्रभावित होंगे। इनमें कांगड़ा के बाग, बल्ला, बरस्वालकड़, भेड़ी, ढुगियारी खास, गगल खास, झिकली इच्छी, मुगरेहड़, सहौड़ा और सनौरा गांव शामिल हैं। गगल एयरपोर्ट की हवाई पट्टी 1,370 मीटर लंबी और 30 मीटर चौड़ी है।इसे बढ़ा कर 3,110 मीटर करने की तैयारी है।