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ब्यूरो, चंडीगढ़। अम्बाला एवं अमेरिका के फ्लोरिडा से प्रकाशित अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की ई-पत्रिका अनहद कृति के दस वर्ष पूरे एवं ग्यारहवें वर्ष में पदार्पण के उपलक्ष्य में आयोजित साहित्याश्रय 2023 का शुभारंभ चंडीगढ़ के इन्दिरा होली डे होम के सभागार में हुआ। शाहपुर के रैत से संबध रखने वाले साहित्यकार रमेश चंद्र मस्ताना ने बताया कि इस कार्यक्रम में भारत भर के सोलह प्रदेशों के साहित्यकारों के अलावा संयुक्त राज्य अमेरिका के फ्लोरिडा से भी हिन्दी साहित्य प्रेमी पहुंचे हुए हैं। उद्घाटन के उपरांत परिचय एवं अनौपचारिक बातचीत में सभी सहभागियों का आपसी परिचय विभा चसवाल के द्वारा विस्तार से दिया गया। कार्यक्रम की मुख्य भूमिका में प्रेमलता चसवाल एवं पुष्पराज चसवाल द्वारा सभी सहभागियों का अभिनन्दन-स्वागत किया गया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में बाल कलाकारों त्विशा व तन्वी के द्वारा भरत नाट्यम और निशिका के द्वारा कथक नृत्य की प्रस्तुतियां दीं गईं। तत्पश्चात अनहद कृति पत्रिका की प्रेरक विभूतियों क्रमशः डॉ वीरेन्द्र मेहन्दीरत्ता, डॉ मैथिलिप्रसाद भारद्वाज और डाॅ नन्दलाल मेहता को स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। किताब की बात कार्यक्रम में सभी सहभागियों के द्वारा अपनी-अपनी पुस्तकें मेजों के ऊपर प्रदर्शनी हेतु सजाई गईं। आयोजन के दूसरे दिन की गतिविधियों में अनहद कृति पत्रिका के विभिन्न अंकों के साथ-साथ नवीनतम अंक भी डिस्प्ले किया गया, जिसमें सभी सहभागी साहित्यकारों की पुस्तकों का परिचय, कथ्य एवं फोटो सहित दर्शाए गए।
किताब की बात के गौरवमयी आयोजन में जहां रचनाकारों के द्वारा अपनी-अपनी भावनाएं रचना के सन्दर्भ में बतलाई गईं, वहीं सद्य-प्रकाशित पुस्तकों के लोकार्पण में नयी किताब की बात में स्नेही चौबे, प्रेमलता चसवाल, पुष्पराज चसवाल की पुस्तकों के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश के रमेशचन्द्र मस्ताना की मेरया मितरा, प्रभात शर्मा की पुस्तक शीशम का पेड़ और आशुतोष गुलेरी की नारायण उवाच का लोकार्पण व पुस्तक के रचियताओं के द्वारा स्व-समीक्षा भी प्रस्तुत की गई। तत्पश्चात पुस्तक प्रदर्शनी का उद्घाटन वैदिक-पाठ प्रस्तोता साई शिवांग के द्वारा किया गया।