आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर
23 मई।सरकारी हो या गैर सरकारी क्षेत्र हालांकि सभी अपने अपने दायित्व का निर्वहन करते हैं लेकिन चंद लोग ही ऐसे होते हैं जो अपने सेवा भाव के कारण लंबे समय तक लोगों के दिलों में अमिट छाप छोड़ जाते हैं। ऐसे ही बरमाणा की एक महिला समाजसेविका व बिटिया फाउंडेशन संस्था की अध्यक्षा सीमा सांखायन है जो लगातार निर्धन व जरूरतमंद कन्याओं की शादी करवाने व पीड़ित महिलाओं के लिए सहारा बनी है। शनिवार को जिस गुड़िया की शादी हुई वो पिछले डेढ़ साल से बिटिया फाउंडेशन संस्था में अपना जीवन यापन कर रही थीं। समाज हित में किसी भी कमजोर, जरूरतमंद या असहाय परिवार का कन्या विवाह कराने से बढ़कर कोई और पुनीत कार्य नहीं है। बिटिया फाउंडेशन संस्था द्वारा समाज हित में गरीबों व असहाय जोड़ियों की शादी करवा कर दांपत्य बंधन में बांधना बहुत ही नेक कार्य है इसकी हम जितनी भी सराहना करें वह कम है। इसी कड़ी में आल इंडिया बिटिया फाउंडेशन संस्था ने शनिवार को बरमाणा में और बीते हफ्ते पंजाब के मनगढ़ क्षेत्र में गरीब कन्याओं को शादी करवाई है। उन्होंने गरीब कन्या के कपड़े, बर्तन, राशन सामग्री के साथ ही शगुन देकर अपना आशीर्वाद दिया। बरमाणा में पिछले कई वर्षों से संचालित बिटिया फाउंडेशन संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्षा सीमा सांख्यान ने शनिवार को एक गरीब कन्या की शादी करवा कर नेक कार्य किया। इस पर कन्याओं के परिजनों ने संस्था का आभार भी व्यक्त किया। इस मौके पर सफाई कर्मी सहित परिवार ने सोशल डिस्टेंस और मास्क लगाकर उपस्थित रहे। बिटिया फाउंडेशन संस्था की अध्यक्षा सीमा सांखायन ने बताया कि सरकार दवारा कोविड -19 दिशा-निर्देशों के अनुसार उचित सामाजिक दूरी व फेस मास्क की अनुपालना करते हुए गरीब व असहाय जोड़ी की शादी करवाई है। इस दौरान पुलिस और मीडिया ने भी इस शादी आयोजन में कोविड -19 के दिशा-निर्देशों की पालना को चेक करने को लेकर उपस्थिती दी। लेकिन कुछ एक विरोधियों ने अपनी भड़ास निकलने का प्रयत्न किया। यह बात युवा समाजसेवी व बिटिया फाउंडेशन संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्षा सीमा सांख्यान ने मीडिया से करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के इस दौर में सभी को अपने मतभेद और मनभेद भुलाकर केवल मानवता की सेवा करनी चाहिए। इसके लिए यदि अपना सर्वस्व भी होम करना पड़े तो कभी पीछे न हटें। यहां कुछ एक विरोधियों ने अपनी घटिया मानसिकता दिखाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। जहां अपने होने का दम भरने वाले बात करने से भी कतराते रहे हैं। आज ऐसे में बिटिया फाउंडेशन संस्था कोरोना पीड़ितों व बेसहारा बच्चियों और पीड़ित महिलाओं के लिए सहारा बनी है। आज के इस परिवेश में मानवीय मूल्यों को जागृत करने की जरूरत है।