आवाज़ ए हिमाचल
शिमला, 18 फरवरी। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सड़कों का निर्माण और देखरेख कर रहे सीमा सड़क संगठन में अब केंद्र सरकार ने मनरेगा योजना को लागू कर दिया है। इसके तहत कामगारों को अब 550 से 600 रुपये की दिहाड़ी मिलेगी। 250 रुपये बीडीओ कार्यालय और 350 रुपये सीमा सड़क संगठन की ओर से व्यय किए जाएंगे। मनरेगा को बीआरओ में शामिल करने का उद्देश्य स्थानीय लोगों को रोजगार देना है। इससे पहले बीआरओ में स्थानीय लोगों को काम नहीं दिया जाता था। अब केंद्र सरकार ने इसमें बदलाव किया है।
हिमाचल प्रदेश सहित उत्तराखंड, जम्मू, लद्दाख व अरुणाचल प्रदेश के अलावा तमाम उत्तर तथा पूर्वोत्तर राज्यों के स्थानीय लोगों को बीआरओ को मनरेगा में रोजगार देना है। जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में बीआरओ में मनरेगा के तहत पहली बार सड़कों का मरम्मत कार्य 25 फरवरी से शुरू होगा। इसके लिए पूरी प्रक्रिया तैयार कर दी है। पहले यह काम 16 फरवरी से आरंभ होना था, मगर मनरेगा कामगारों को दी जाने वाली दिहाड़ी की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई थी।
ऐसे में लाहौल-स्पीति प्रशासन व बीआरओ ने इस मामले को सुलझा लिया है। उधर, मंत्री डॉ. राम लाल मारकंडा ने कहा कि मनरेगा को बीआरओ में शामिल करना केंद्र सरकार का अच्छा फैसला है।
बीडीओ केलां डॉ. विवेक गुलेरिया ने बताया कि अब बीआरओ में मनरेगा के अंतर्गत काम करने वाले लोगों को 600 रुपये दिहाड़ी दी जाएगी। इसमें 250 रुपये प्रशासन और बाकी राशि बीआरओ की तरफ से दी जाएगी।