आवाज़ ए हिमाचल
14 दिसंबर।सात साल से बरामदे में बुढ़ापा काट रही 92 वर्षीय कौशल्या देवी के लिए कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के चेयरमैन डॉ राजीव भारद्वाज एक उम्मीद बनकर आए है।”आवाज़ ए हिमाचल” में छपी खबर के बाद केसीसी बैंक के चेयरमैन राजीव भारद्वाज ने मंगलवार को एमडी विनय कुमार के साथ कौशल्या देवी के घर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया।उन्होंने इस दौरान कौशल्या देवी काफी देरतक बात कर पूरे मामले को लेकर जानकारी ली।राजीव भारद्वाज ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से यह जानकारी मिली थी कि बैंक का लोन न चुका पाने के चलते एक बजुर्ग महिला सात साल से घर के बरामदे में रह रही है,जोकि बहुत संवेदनशील मुद्दा है।जानकारी मिलने के बाद वे खुद बुजुर्ग के घर आए है तथा पूरी जानकारी ली है।उन्होंने कहा कि बैंक एमडी को इस पूरे मामले पर कार्रवाई करने के लिए कहा है।पूरा प्रयास किया जाएगा कि बुजुर्ग महिला को उनका घर मिल जाए।गौरतलब है कि कौशल्या देवी के बेटे ने बैंक से पांच लाख रुपए कर्ज लिया था। बीमारी के कारण कर्ज नहीं चुका पाए तो बैंक ने पूरे मकान को 2015 में सील कर दिया था। जिसके बाद बुजुर्ग सात साल से सर्दी-गर्मियों में बरामदे में रह रही है।
इनका प्रयास लाया रंग
इस मामले में आवाज़ ए हिमाचल संग शाहपुर के वरिष्ठ पत्रकार रहे राजीव पटियाल,नगर पंचायत की अध्यक्ष उष्मा चौहान के पति व ज़िला फुटबॉल एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश चौहान तथा लेखक सतेंद्र गौतम के प्रयास बुजुर्ग महिला के लिए सात साल बाद अपने घर के भीतर जाने की उम्मीद लेकर आए है।दरअसल इस बारे छपी खबर को राजीव पटियाल ने अपनी फ़ेसबुक पेज पर शेयर कर केसीसी बैंक के चेयरमैन राजीव भारद्वाज को टैग कर महिला की सहायता करने का आग्रह किया था।राजीव पटियाल ने भारद्वाज से महिला के घर आकर पूरी स्थिति का जायजा लेने का आग्रह भी किया था। इसके अलावा राकेश चौहान ने भी व्यक्तिगत रूप से राजीव भरद्वाज से महिला की मदद करने का आग्रह किया था।राजीव भारद्वाज मंगलवार सुबह राकेश चौहान के घर पहुंचे तथा इस मामले की पूरी फीडबैक ली।उसके बाद दोपहर करीब अढ़ाई बजे बैंक के एमडी विनय कुमार को साथ लेकर कौशल्या देवी के घर पहुंचे।शाहपुर पहुंचे भारद्वाज के समक्ष राजीव पटियाल ने एक बकील की तरह बुजुर्ग महिला की पैरवी कर सहायता का आग्रह किया।इस दौरान सतेंद्र गौतम ने भी अपनी अहम भूमिका अदा की।
लोग बोले,बैंक हामी भरे तो जुटाएंगे राशि
बैंक चेयरमैन से स्थानीय लोगों ने इस मामले में राहत देने का आग्रह किया।लोगों ने कहा कि बैंक अगर ब्याज को माफ कर कुछ और राहत दे तो वे आपस में राशि इकट्ठा कर बैंक को दे देंगे।राजेश शर्मा राजू ने कहा कि जब 2015 घर को सीज किया जा रहा था तो उस दौरान भी स्थानीय लोगों ने दो लाख रुपये इकट्ठा कर बैंक को देने का प्रयास किया था,लेकिन उस दौरान बैंक ने लेने से मना कर दिया था।उन्होंने कहा कि अब भी जरूरत पड़ेगी तो वे पैसा इकट्ठा कर बुजुर्ग की सहायता करने को तैयार है।