आवाज ए हिमाचल
10 जनू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार शाम उन सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों से मुलाकात की, जिन्होंने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को बेनकाब करने के लिए दुनिया के कई देशों की राजधानियों का दौरा किया। यह दौरे ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुए थे।इन प्रतिनिधिमंडलों ने अपने दौरों का अनुभव प्रधानमंत्री के साथ साझा किया। केंद्र सरकार पहले ही इन सात प्रतिनिधिमंडलों के काम की सराहना कर चुकी है। इन प्रतिनिधिमंडलों में 50 से अधिक लोग शामिल थे, जिनमें ज्यादातर मौजूदा सांसद थे। इन प्रतिनिधिमंडलों में पूर्व सांसद और पूर्व राजनयिक भी शामिल थे। इन दलों ने 33 देशों की राजधानियों और यूरोपीय संघ के मुख्यालय का दौरा किया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पहले ही इन प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की है और उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख को प्रभावी तरीके से दुनिया के सामने रखने के लिए उनकी सराहना की है।
चार प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों ने किया, जिनमें दो बीजेपी के, एक जेडीयू के और एक शिवसेना के सांसद शामिल थे। वहीं तीन प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व विपक्षी सांसदों ने किया, जिनमें एक-एक कांग्रेस, द्रमुक और राकांपा (शरदचंद्र पवार) से थे। भाजपा के रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, कांग्रेस के शशि थरूर, जेडीयू के संजय झा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, द्रमुक की कनिमोई और राकांपा (शरदचंद्र पवार) की सुप्रिया सुले ने अपने-अपने प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व किया।सरकार ने इन सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को यह संदेश देने के लिए भेजा था कि आतंकवाद के खिलाफ भारत एकजुट है। इस अभियान में कांग्रेस सांसद शशि थरूर और एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेता भी शामिल हुए और उन्होंने मिलकर भारत का पक्ष विदेश में रखा। प्रतिनिधिमंडलों में शामिल प्रमुख पूर्व सांसदों में पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद और सलमान खुर्शीद भी थे।
22 अप्रैल को हुआ था पहलगाम आतंकी हमला
दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादी हमला हुआ था। जिसमें 26 निर्दोष लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इनमें अधिकांश पर्यटक शामिल थे। इन लोगों की हत्या करने से पहले आतंकवादियों ने इनकी धर्म की पहचान की थी। इस घटना के करीब दो हफ्ते बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। इस सैन्य अभियान के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इन हमलों में सैकड़ों आतंकवादी मारे गए। इसके बाद आतंकवादियों के बचाव में उतरी पाकिस्तानी सेना ने भारत पर ड्रोन और मिसाइलों से हमले की कोशिश की, लेकिन भारत की एस-400 और आकाशतीर जैसी रक्षा प्रणालियों ने इन्हें आसमान में खाक कर दिया। यही नहीं, भारतीय सेना ने पाकिस्तान के दस से ज्यादा एयरबेस को भी ध्वस्त किया। इसके बाद पाकिस्तान के सैन्य महानिदेशक (डीजीएमओ) के आग्रह पर युद्धविराम पर सहमति बनी। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर आउटरीच कार्यक्रम शुरू किया। इसके तहत कई सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को दुनिया के विभिन्न देशों में भेजा गया, ताकि वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान को बेनकाब किया जा सके। इनमें भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व वाला सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भी शामिल था। इस प्रतिनिधिमंडल ने कई यूरोपीय देशों की यात्रा की और यूरोपीय साझेदारों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से यात्रा के बाद भारत लौटा। इस प्रतिनिधिंडल ने फ्रांस, इटली, डेनमार्क, इंग्लैंड, ब्रसेल्स और जर्मनी का दौरा किया।