आवाज ए हिमाचल
24 मई।शिमला शहर के निजी स्कूलों के लिए चलाई जा रही हिमाचल पथ परिवहन निगम(एचआरटीसी) की चार्टेड बसों के किराये में कम कर दी गई है। इससे विद्यार्थियों को कुछ राहत मिली है। शनिवार को उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने पत्रकार वार्ता में इसकी जानकारी दी। मुकेश ने कहा कि एचआरटीसी की ओर से चार्टेड बसों का जो किराया तय किया गया था, उस पर अभिभावकों ने आपत्ति जताई थी और किराये को कम करने की मांग उठाई थी। बच्चों की मांग को देखते हुए एचआरटीसी अधिकारियों के साथ बैठक के बाद चार्टेड बसों के किराये को कम करने का फैसला लिया गया है।उन्होंने कहा कि पहले 0 से पांच किलोमीटर दूरी के 1800 रुपये किराया तय हुआ था, लेकिन अब 0 से छह किलोमीटर के लिए 1200 रुपये प्रति माह लिए जाएंगे। इसी तरह दूसरे स्लैब में अब 2500 रुपये की बजाय 1800 रुपये प्रति माह चुकाने होंगे। किलोमीटर भी छह से 12 किया गया है। पहले यह पांच से 10 किलोमीटर था। इसमें अधिकतर बच्चे कवर हो जाएंगे। जो इसमें कवर नहीं होंगे, उनके लिए 2 हजार प्रति माह रुपये तय किए गए हैं। मुकेश ने कहा कि स्कूल बसों से एचआरटीसी को 4 करोड़ रुपये का घाटा होता है। शहर में करीब 42 समर्पित बसें एचआरटीसी उपलब्ध करवाता है। हालांकि, पूरे हिमाचल में निजी स्कूलों ने अपनी बसें खरीद ली हैं, लेकिन शिमला में ऐसा नहीं है। बता दें, जून माह से बनने वाले बस पास के लिए एचआरटीसी ने एक से पांच किलोमीटर दूरी के 1800 और इससे अधिक दूरी के 2500 रुपये किराया तय किया था। पहले एक से पांच किमी दूरी के बस पास के मासिक 900 रुपये में चुकाने पड़ते थे। अब अभिभावकों के विरोध के बाद किराये में कमी की गई है। हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की ओर से शहर के ऑकलैंड, चैप्सली क्लस्टन, डीएवी न्यू शिमला, एडवर्ड, नवबहार चैल्सी, एसपीएस खलीनी, स्टोक्स पुजारली और ताराहॉल के लिए बसें चलाई जाती हैं। इन 42 बसों में 2100 से अधिक विद्यार्थी रोजाना सफर करते हैं।