आवाज़ ए हिमाचल
स्वर्ण राणा,नूरपुर
05 सितंबर।हिमाचल मानव अधिकार लोक बॉडी की बैठक प्रांत अध्यक्ष राजेश पठानिया की अध्यक्षता में कंडवाल गांव में संपन्न हुई।बैठक के दौरान साफ किया गया कि लोक बॉडी
कैबिनेट में फोरलेन प्रभावितों को उचित मुआवजा देने के लिए मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में गठित सब कमेटी संतुष्ट नहीं है।
राजेश पठानिया ने कहा कि 2018 सितंबर में भी एक सब कमेटी बनाई गई थी जिसके अध्यक्ष गोविंद ठाकुर थे,लेकिन 3 साल बीत जाने पर भी उस कमेटी के नतीजे शून्य है। जनता को इस कमेटी से कोई राहत नहीं मिली न ही उन्होंने ऐसी कोई प्रपोजल जनता के पक्ष में रखी। हमेशा इस काम को लटकाने का प्रयास किया। अभी पिछले महीने गोविंद ठाकुर ने संघर्ष समिति को भी यह कहकर शांत किया की सरकार उप चुनाव से पहले चार गुना मुआवजा देने की घोषणा कर देगी। परंतु अब नई कमेटी का बनना हिमाचल के करीब करीब एक लाख परिवार जो भू अधिग्रहण से पीड़ित हैं उनको ठगने का एक नया तरीका ढूंढा है। हिमाचल सरकार को क्या यह नहीं पता कि जब भू अधिग्रहण एक्ट 2013 तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने पारित किया तो उन्होंने इसकी सारी कमेटियां बनाकर लंबे समय तक इस पर चर्चा की।
इसे लोकसभा में पास कराया, इसे राज्यसभा में पास कराया,तब जाकर यह कानून बना और उसके बाद केंद्र में सरकार बदलने पर भारतीय जनता पार्टी ने भी इस पर मोहर लगाते हुए इस कानून को न बदलते हुए इसे लागू रखा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस कानून की वकालत कर चुके हैं। अपने मन की बात कार्यक्रम में जनता को भू अधिग्रहण के तहत चार गुना मुआवजा देने की बात कर चुके हैं।अब उन्हें समझ नहीं आता कि हिमाचल सरकार पड़ोसी राज्यों के पास अपने मंत्रियों को भेजकर वहां से क्या सीख कराना चाहती है। क्या हिमाचल सरकार को भू अधिग्रहण एक्ट 2013 के बारे में जानकारी नहीं। जबकि यह सभी भाषाओं में गूगल पर भी उपलब्ध है। इस सरकार को बने 4 साल होने को हैं। पिछले 3 साल में कैबिनेट सब कमेटी ने कुछ नहीं किया। अब नई कमेटी बनेगी वह एक साल में क्या करेगी।