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राकेश डोगरा, पालमपुर। मुख्यमंत्री, सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर राज्य बनाने की दिशा में गंभीर प्रयास कर रहे हैं। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाकर 1100 करोड़ राजस्व में बढ़ोतरी का लक्ष्य रखा गया है।
यह जानकारी आयुष, युवा सेवायें एवं खेल मंत्री यादविंदर गोमा ने धीरा में आयोजित ”सरकार गांव के द्वार” में लोगों को संबोधित करते हुए दी। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम सरकार का महत्वकांशी कार्यक्रम है। मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों पर सरकार गांव में जाकर लोगों की समस्याओं का मौके पर ही निपटारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा ”सरकार गांव के द्वार” सरकार महत्वपूर्ण कार्यक्रम है और इसकी मोनिटरिंग स्वयं मुख्यमंत्री कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा से हिमाचल जैसे छोटे से राज्य में लगभग 12,000 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है। प्रदेश में आपदा प्रभावित लोगों की सहायता के लिए आपदा राहत कोष-2023 बनाया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने आपदा प्रभावित परिवारों को राहत व पुनर्वास के लिए 4500 करोड़ रुपए का विशेष आपदा राहत पैकेज घोषित किया है। सरकार ने आपदा सहायता नियमों में बदलाव कर राहत के तौर पर दी जाने वाली राहत राशि 25 गुणा तक बढ़ाई गई। आपदा की घड़ी में कदम-कदम पर सरकार के सहयोग से जनता को मुश्किल हालात से लड़ने की हिम्मत मिली और जनता का सरकार और प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की सत्ता के साथ सरकार को पूर्व सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण 75,000 करोड़ रुपए का कर्जा विरासत में मिला है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों व पेंशनभोगियों के लम्बित एरियर के अतिरिक्त मंहगाई भत्ते की देनदारी भी थी। विषम परिस्थितियों के बावजूद हमारी सरकार ने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाल करने का साहसिक फैसला लेकर ईमानदारी व इच्छाशक्ति का परिचय दिया। इस ऐतिहासिक फैसले से लगभग 1.36 लाख कर्मचारियों की वर्षों पुरानी मांग पूरी हुई और उन्हें सम्मानजनक सेवानिवृत्त जीवन जीने का अवसर प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपनी गारंटीयों को सरकारी दस्तावेज बनाया है और चरणबद्ध तरीके से लोगों को दी गई गारंटीयों को पूरा करने के लिए सरकार वचनबद्ध है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन के ध्येय से कार्य कर रही सुख की सरकार के प्रति जनता का विश्वास बढ़ा है। उन्होंने कहा कि आर्थिक संकट के बावजूद प्रदेश सरकार ने विकास की गति में कमी नहीं आने दी है। आम नागरिकों को बेहतर बुनियादी सुविधाएं मुहैया करवाने, महिला सशक्तिकरण,किसानों-बागवानों की आय बढ़ाने, पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने और उद्योगों को निवेशक मित्र माहौल प्रदान कर युवाओं के लिए रोज़गार के अवसर सृजित करने की दिशा में कारगर कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि कृषि, पशुपालन, बागवानी तथा मत्स्य पालन क्षेत्र में स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए 2 प्रतिशत की ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है। कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए हिम उन्नति योजना शुरू की जा रही है जिसके तहत क्षेत्र विशेष की क्षमता के अनुरूप दूध, दालों, सब्जियों, फलों, फूलों, नकदी फसलों के क्लस्टर बनाए जा रहे हैं। पशुपालकों को दूध के उचित दाम दिलवाने के उद्देश्य से 500 करोड़ रुपए की हिम गंगा योजना आरम्भ की जा रही है। इसके माध्यम से दूध के संयंत्र स्थापित तथा स्तरोन्नत किए जाएंगे।
मंत्री ने इस अवसर पर एसडीएम कार्यालय अमरूद का पौधा भी रोपित किया। उन्होंने इस अवसर पर विभिन्न विभागों द्वारा लगाई विकासात्मक प्रदर्शनियों का शुभारंभ कर अवलोकन किया। उन्होंने इस कार्यक्रम में आए दो बुजुर्गों कृष्णा देवी और अमरनाथ को सम्मानित किया।
इस अवसर पर बेटी है अनमोल योजना के अंतर्गत 10 लाभार्थी बेटियों को एक लाख 35 हजार की सहायता राशि के चेक वितरित किए। उन्होंने मुख्यमंत्री शगुन योजना के 8 लाभार्थियों को 2 लाख 58 हजार के चेक वितरित किए। इस अवसर पर उन्होंने आयुष विभाग द्वारा औषधीय पौधे वितरित किए।
इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के निःशुल्क स्वाथ्य शिविर में 90 लोगों तथा आयुष विभाग द्वारा लगाए स्वास्थ्य शिविर में 120 लोगों ने चेकअप करवाया। इससे पहले हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के अध्यक्ष संजय सिंह चौहान ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रम सरकार गांव के द्वार के अंतर्गत लोगों की समस्या का स्थाई समाधान किया जा रहा है।
कार्यक्रम में अतिरिक्त उपायुक्त सौरभ जस्सल, किशोरी लाल मेहता, मनभरी देवी, रोनी, दिनेश परिहार, एसडीएम धीरा सलीम आजम, सीएमओ डॉ. सुशील शर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, पंचायती राज संस्थाओं के चुने हुए प्रतिनिधि और गण्यमान्य लोग उपस्थित रहे।