आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। हिमाचल प्रदेश में 80 साल पुराने संकरे और अधिक भार न उठाने की क्षमता वाले 90 पुल बदले जाएंगे। इन पुलों का निर्माण आरसीसी से किया जाएगा।
प्रदेश सरकार ने पुराने पुलों का निरीक्षण करने के लिए लोक निर्माण विभाग को इंजीनियर विंग की टीम गठित करने के लिए कहा है। यह टीम मौके पर जाकर पुल निर्माण के लिए जगह का भी चयन करेगी। प्रदेश में वाहनों की बढ़ती आवाजाही और भारी मालवाहक वाहनों के चलते यह फैसला लिया गया है।
लोक निर्माण विभाग के प्रधान सचिव सुभाशीष का कहना है कि पुराने पुलों की जगह नए आरसीसी के पुलों का निर्माण होगा। विभागीय स्तर पर इसकी तैयारियां चल रही हैं।
पुराने पुल संकरे होने के चलते दो गाड़ियां एक साथ इनके आर-पार नहीं जा सकती हैं। नए पुलों की चौड़ाई ज्यादा होगी, ताकि दो गाड़ियां आमने-सामने से एक ही समय पुल पार कर सकें। इसके अलावा ऐसे नालों पर भी पुलों का निर्माण किया जाना है, जहां सड़क को घुमाकर बनाया गया है। ऐसे पुल बनने से दूरी भी कम होगी। सभी पुलों का निर्माण अगले 50 से 60 साल को देखते हुए किया जाएगा।
शिमला के घंडल में जहां एनएच पर पुल का निर्माण किया जाना है, वहां विधि विश्वविद्यालय की जमीन आ रही है। ऐसे में प्रदेश सरकार जमीन विभाग के नाम करने का मामला विधि विश्वविद्यालय से उठाने जा रहा है। उल्लेखनीय है कि वाहनों की आवाजाही के चलते घंडल के पास लोहे का अस्थायी पुल बनाया गया है। यहां पिछली बार हुई बरसात के चलते सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी।