आवाज़ ए हिमाचल
05 अप्रैल। करणी सेना ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि सरकारी कर्मचारियों की ट्रांसफर के लिए जल्द एक पॉलिसी लाई जाए। जिसमें कर्मचारियों की ट्रांसफर के लिए एक विभागीय कमेटी बनाई जाए, जो एक स्वतंत्र शाखा की तरह काम करे। इस कमेटी पर नज़र रखने हेतु माननीय उच न्यायालय के अधीन एक गवर्निंग कमेटी भी बनाई जाए जो इन पर नज़र रखे। अभिषेक राणा प्रदेश अध्यक्ष युवा शक्ति करणी सेना ने कहा इस पॉलिसी में निजी स्वार्थ के लिए एवं राजनीतिक द्वेष के चलते किसी भी राजनेता का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, अगर कोई राजनेता इसमे हस्तक्षेप करता पाया जाए तो उस पर उचित कार्रवाई करने का भी प्रावधान हो।
सरकारी कर्मचारी चाहे किसी भी विभाग से संबंधित क्यों न हो, वह राजनेताओं के खेलने की चीज नहीं है जो हर समय इन नेताओं की वजह से डर के साये में नौकरी करें। सरकारी नौकरी में कोई भी आता है तो वह अपनी काबिलियत की वजह से आता है न कि नेताओं की वजह से।प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि ट्रांसफर पॉलिसी का जल्द प्रावधान किया जाए। करणी सेना ने प्रदेश सरकार को 6 महीने का समय इस मांग को पूरा करने के लिए दिया है, अन्यथा छह माह बाद संघर्ष तेज किया जाएगा।