आवाज ए हिमाचल
07 जून। मंडी के मंडी के सरकाघाट की पंचायत में मनरेगा कार्य में खुदाई करते समय भगवान श्रीराम की एक प्राचीन मूर्ति मिली है। यह मूर्ति लगभग 18वीं शताब्दी की है। है। यह मूर्ति लगभग 18वीं शताब्दी की है। पत्थर की बनी यह सुंदर कलाकृति बहुत ही आकर्षक है। इसमें भगवान श्रीराम एक हाथ में धनुष उठाए हुए हैं, तो दूसरे हाथ में तीर पकड़ा हुआ है। यह मूर्ति मंडी रियासत के राजाओं के समय की बताई जा रही है। तहसील बलद्वाड़ा की धनालग पंचायत वैसे भी अपनी ऐतिहासिक पहचान बनाए हुए हैं। यहां पर राजाओं के समय के तीन प्राचीन मंदिर भी हैं और यहां राजाओं के गढ़ भी हैं।
ऐसे में स्थानीय जनता का मानना है कि भगवान की यह मूर्ति इस काल में जमीन से प्रकट हुई है, जब कोरोना के चलते पूरी मानवता खतरे में है और बहुत ही भयानक दौर में है। स्थानीय पंचायत के प्रधान बेसर सिंह ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि मनरेगा कार्य के दौरान जमीन से भगवान श्रीराम की मूर्ति मिली है।
उन्होंने कहा कि पंचायत के बुद्धिजीवी लोगों की राय लेकर यह निर्णय लिया जाएगा कि आखिर इस मूर्ति को किस तरह से रखना चाहिए, कहा कि अगर संभव हुआ तो यहां पर भगवान राम का भव्य मंदिर बनाया जाएगा। वही पुरातत्व विभाग को भी सूचना दी गई है। उधर, हरि चौहान क्यूरेटर स्टेट म्यूजियम शिमला ने बताया कि मूर्ति करीब 1870 की है और उस समय के दौरान राजाओं के द्वारा बनाई गई है और कहा कि अगर पंचायत के द्वारा मूर्ति को संरक्षित नहीं किया जाएगा तो इसे म्यूजियम में शिफ्ट कर दिया जाएगा।