समस्त जिला परिषद के कर्मचारियों का ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग में विलय करने की मांग 

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आवाज़ ए हिमाचल 

शाहपुर, 5 मई। विकास खण्ड रैत के अन्तर्गत आते हिमाचल प्रदेश जिला परिषद कर्मचारियों, जिनमें पंचायत सचिव, तकनीकी सहायक व कनिष्ठ अभियंता शामिल हैं, ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीन चौधरी से मिलकर व उपमंडल अधिकारी नागरिक शाहपुर डॉक्टर मुरारी लाल के माध्यम से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तथा खण्ड विकास अधिकारी रैत के माध्यम से सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग हिमाचल प्रदेश को ज्ञापन प्रेषित किया है, जिसमें उन्होंने जिला परिषद काडर के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों को विभाग में विलय करने के लिए आग्रह किया है।

इन्होंने कहा कि पंचायत सचिव अपने कार्यों के साथ-साथ 16 अन्य विभागों के कार्यों को भी देखते व करते हैं साथ ही जब भी सरकार ने इन कर्मचारियों को कोई भी कार्य सौंपा है इस वर्ग ने कभी भी मना नहीं किया। चाहे वह कोविड-19 हो या अन्य किसी भी विभाग का कार्य हो परंतु जब सरकार से कोई भी लाभ कर्मचारियों को दिया जाता है तो जिला परिषद के कर्मचारी इन लाभों से वंचित रह जाते हैं या कोई लाभ मिलता है तो वह समय पर नहीं मिल पाता।

कर्मचारियों के द्वारा जब सरकार से इन सब के बारे में मांग की जाती है तो न तो विभाग और न ही सरकार हमें अपना कर्मचारी मानते हैं जिस कारण से सरकारी भत्तों का लाभ तक नहीं मिल पाता है जबकि ग्रामीण विकास विभाग में कार्यरत सभी कनिष्ठ अभियंताओं व पंचायत सचिवों को सरकार के सारे लाभ प्राप्त हो रहे हैं, परंतु एक ही कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों के साथ भेदभाव हो रहा है जो कि न्याय उचित नहीं है।

जिला परिषद काडर के कर्मचारी वही कार्य कर रहे हैं जो कि ग्रामीण विकास विभाग के कनिष्ठ अभियंता व पंचायत सचिव कर रहे हैं इन्होंने निवेदन किया है कि समस्त जिला परिषद के कर्मचारियों को विभाग में समायोजित करने की कृपा करें जिससे जिला परिषद कार्यालय में कार्यरत सभी कर्मचारियों को ग्रामीण विभाग के कर्मचारियों के समान सारी सुविधाएं प्राप्त हो सकें।

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