आवाज़ ए हिमाचल
राकेश डोगरा,पालमपुर
21 फरवरी।राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल सन्हूं में सेवानिवृत्त बागवानी अधिकारी डॉ नरोत्तम कौशल तथा विकास खंड भेडूमहादेव के उद्यान प्रसार अधिकारी राजकुमार ने विद्यार्थियों को फलदार पौधों के वैज्ञानिक विधि से रोपण व उनकी उचित देखभाल बारे विस्तार पूर्वक से जानकारी दी।स्कूल परिसर में नाशपाती के पुराने पौधे,जिनमें या तो फल लगता ही नहीं और लगें भी तो बहुत ऊंचाई पर लगाते हैं,उन्हें पक्षी ही खा जाते हैं,उन पौधों का जीर्णोद्धार किया गया,ताकि पौधे फिर से नए हो जाएं।इसके लिए जमीन से डेढ़ से दो मीटर ऊंचाई तक पौधे को पूरा काटा गया। अगले वर्ष नई शाखाओं में से कुछ को काट दिया जाएगा,ताकि शाखाएं ज्यादा घनी ना हो।तीसरे वर्ष फिर से फल लग जाएंगे।नए पौधे लगाने से पहले जमीन में गड्ढा कैसे खोदना है,इसकी पूर्ण जानकारी देते हुए डॉ कौशल ने बताया कि वर्षा ऋतु में लगने वाले फलदार पौधों के लिए मार्च-अप्रैल से गड्ढे करना शुरू कर देने चाहिए।यदि कम पौधे लगाने हो तो भी ध्यान रखना होगा कि गड्ढा करने के बाद कम से कम 15 दिन यह खुला रहे।सूर्य की रोशनी उस पर पड़ती रहे, ताकि किसी भी प्रकार की कोई समस्या मिट्टी में हो तो वह समाप्त हो जाए।गड्ढा करते समय ध्यान रखना होगा की ऊपरी भाग की एक फुट की मिट्टी अलग रखी जाए व नीचे 2 फुट की मिट्टी अलग रखी जाए। सामान्यत: 3X3X3 फुट आकार के गड्ढे उचित होते हैं,लेकिन अधिक उपजाऊ या नर्म जगह पर गड्ढा कुछ छोटा भी किया जा सकता है।इसी तरह जहां मिट्टी सख्त हो वहां गड्ढा सामान्य से बड़ा करना चाहिए।भले ही उसे भरते समय मिट्टी कहीं आसपास या जंगल से लाकर डालनी पड़े। गड्ढा भरते समय ऊपर वाली मिट्टी (अधिक उपजाऊ एवं सभी पोषक तत्वों से भरपूर) में कुछ गोबर की गली-सड़ी खाद मिलाकर पहले भरें उसके बाद नीचे वाली मिट्टी को इसी तरह खाद मिलाकर भरें। मिट्टी जमीन से 10 से 15 सेंटीमीटर ऊपर तक भर दें। बरसात में बारिश होने पर मिट्टी बैठकर समतल हो जाएगी। पौधे लगाते समय ध्यान रखें की ग्राफ्टिंग वाला हिस्सा जमीन से हमेशा 10 से 15 सेंटीमीटर ऊपर ही रहे, अन्यथा पौधे जल्दी खराब हो सकते हैं। बागवानी से संबंधित चर्चा के बाद डॉ. कौशल ने विद्यार्थियों को अपनी दिनचर्या में अनुशासन रखने,नशो से दूर रहने व भविष्य में वे क्या करना चाहेंगे,उस विषय पर सोचना अवश्य शुरू कर दें, क्योंकि जो व्यक्ति अपना लक्ष्य जितना जल्दी निर्धारित करता है उसे बाद में उतनी ही आसानी रहती है।
अंत में स्कूल के प्रधानाचार्य अरुण कुमार ने दोनों अतिथियों का विद्यार्थियों को बागवानी पर महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए धन्यवाद किया।इस मौके पर राजेश रोशन,एसएमसी प्रधान त्रिलोचन,अश्विनी,नरोत्तम, विश्वजीत,गौरव आदि उपस्थित रहे।