सचिवालय में सभी अफसरों की लगेगी हाजिरी, सुबह दस बजे कार्यालय पहुंचना होगा, सीएम ने दिए निर्देश

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आवाज ए हिमाचल

10 अक्टूबर।हिमाचल प्रदेश सचिवालय शिमला में सभी अफसरों की हाजिरी लगेगी। सुबह 10:00 बजे कार्यालय पहुंचना होगा। हर विभाग में मुख्यमंत्री की घोषणाओं की समीक्षा के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त होंगे। मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव व प्रधान सलाहकार आईटी को हर 15 दिन में रिपोर्ट देनी होगी। ये सख्त निर्देश मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। सीएम सुक्खू ने सचिवालय में पत्रकारों से अनाैपचारिक बातचीत में कहा कि पंचायत चुनाव रद्द नहीं किए गए हैं। कहा कि भाजपा हर बात को तूल देती है। भाजपा की एक नीति बन गई है कि हर बात का विरोध करना है। 2023 में जब आपदा आई तो भाजपा ने विशेष सत्र बुलाने की मांग रखी। जब हमने सत्र बुलाया तो भाजपा ने वाकआउट किया, आपदा प्रभावितों के साथ खड़े नहीं हुए। इस बार की आपदा 2023 से कहीं अधिक थी, पिछले दिनों घुमारवीं में भी बड़ा हादसा हुआ। पंचायत चुनावों को लेकर सभी जिलों के डीसी से बात की गई, कुछ उपायुक्तों ने कहा कि अभी पूरी तरह से पंचायतों की सड़कें जुड़ी नहीं है, अभी सिर्फ चुनावों को स्थगित करने की बात हुई है, रद्द नहीं किए गए हैं, सभी सड़कें खुलने पर ही चुनाव होंगे। कहा कि 23 जनवरी तक चुनाव करवाने का समय है। 23 जनवरी तक चुनाव हो सकते हैं। प्रभावितों को राहत पहुंचाना सरकार की पहली प्राथमिकता और कर्तव्य है। कहा कि भाजपा पांच गुटों में बंटी हुई है। वहीं मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को सर्दी के माैसम के मद्देनजर बिजली खरीद के लिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। गुरुवार को सचिवालय में एचपी एनर्जी मैनेजमेंट सेंटर की बैठक की अध्यक्षता करते हुए सीएम ने कहा कि सर्दियों में ऊंचे क्षेत्रों में बर्फबारी होने के कारण नदियों में पानी का बहाव कम हो जाता है, जिससे बिजली उत्पादन घट जाता है। ऐसे में पहले से योजना बनाकर किफायती दरों पर बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एचपी एनर्जी मैनेजमेंट सेंटर ऊर्जा व्यापार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और राज्य को अधिकतम आर्थिक लाभ दिलवाने में सहायक सिद्ध होगा।

उन्होंने कहा कि सेंटर को पूरी पेशेवर दक्षता के साथ काम करना होगा। सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार इस केंद्र को और सशक्त बनाने समेत इसकी कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी। राज्य सरकार ने अपने पहले ही बजट में प्रदेश को 31 मार्च 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसे हासिल करने के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार ने बिजली की खरीद और बिक्री को सुचारु रूप से प्रबंधित करने और राज्य का राजस्व बढ़ाने के साथ-साथ बिजली खरीद लागत कम करने के उद्देश्य से ही हिमाचल प्रदेश ऊर्जा प्रबंधन केंद्र (एचपीईएमसी) की स्थापना की है।

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