संस्कृत महाविद्यालय में आचार्यों के रिक्त पदों को भरने के निर्णय का किया स्वागत

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आवाज ए हिमाचल

अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर 

19 जून।मन्दिर न्यास श्री नयना देवी जी के अध्यक्ष एवं एसडीएम ने श्री शक्ति संस्कृत महाविद्यालय श्रीनयना देवी जी की प्रवेश प्रक्रिया को पूर्व की भांति महाविद्यालय में ही करने के निर्णय को तथा अतिथि संकाय द्वारा रिक्त पदों को भरने के लिए निर्णय लिया गया है, जिसका संस्कृत एवं संस्कृति संरक्षण संघ हिमाचल ने स्वागत किया है ।हिमाचल राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद् के प्रदेशाध्यक्ष डॉ मनोज शैल ने कहा कि इस निर्णय के बाद अब छात्रों एवं अभिभावकों ने राहत की सांस ली है। मंदिर न्यास का संस्कृत एवं संस्कृति के संवर्धन में यह सराहनीय निर्णय है।‌ मन्दिर न्यास की यह पहल महासरस्वती के इस पावन मंदिर में एक सकारात्मक व सांस्कृतिक कदम स्वरूप है, जिससे छात्रों तथा अभिभावकों में विश्वास और उम्मीद की भावना उत्पन्न हुई है। हिमाचल राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद् के प्रदेशाध्यक्ष डॉ मनोज शैल एवं संस्कृत व संस्कृति संरक्षण संघ, हिमाचल प्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष आचार्य मदन शाण्डिल्य ने संयुक्त रूप से कहा कि “हम मन्दिर न्यास के अध्यक्ष व एसडीएम धर्मपाल चौधरी का हृदय से आभार व्यक्त करते हैं। उनके द्वारा लिया गया यह निर्णय महाविद्यालय के गौरव व संस्कृत-संस्कृति के संरक्षण में मील का पत्थर साबित होगा। अब मंदिर न्यास द्वारा अतिथि‑संकाय पदों के लिए शीघ्र विज्ञापन जारी करने की अपेक्षा है।”

शीघ्र हो आचार्यों के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया

हिमाचल राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद् के प्रदेशाध्यक्ष डॉ मनोज शैल ने कहा कि अतिथि संकाय से आचार्यों के रिक्त पदों को भरने के लिए शीघ्र पद विज्ञापित किये जायें। क्योंकि महाविद्यालय में नया सत्र प्रारंभ हो गया है। अतः छात्रों का अध्ययन निर्बाध हो इसके लिए आचार्यों की नियुक्ति अनिवार्य है। इसके साथ जिन छात्रों ने बार-बार प्रवेश प्रक्रिया से हताश होकर दूसरे महाविद्यालयों में जाने का निर्णय लिया है उनसे भी आग्रह है कि वे भी अपने इस महाविद्यालय में प्रवेश हेतु वापस आयें और महाविद्यालय का गौरव बढ़ाए।

संस्कृत एवं संस्कृति के क्षेत्र में दशकों से संस्कृत महाविद्यालय का है उत्तरोत्तर योगदान

संस्कृत एवं संस्कृति संरक्षण संघ हिमाचल प्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष आचार्य मदन शाण्डिल्य ने कहा कि 1931 में स्थापित श्री शक्ति संस्कृत महाविद्यालय श्री नयना देवी जी संस्कृत एवं संस्कृति के क्षेत्र में दशकों से उत्तरोत्तर योगदान दे रहा है । मन्दिर न्यास और प्रशासनिक अधिकारियों ने हाल ही में महाविद्यालय परिसर में प्रवेश प्रक्रिया पुनः संचालित करने और रिक्त पदों पूर्ति हेतु अतिथि आचार्यों को नियुक्त करने का निर्णय लिया है, जिससे विद्यार्थियों‑अभिभावकों में गहरी प्रसन्नता व्याप्त है।

संस्कृत महाविद्यालय श्री नयना देवी जी के शताब्दी समारोह के लिए पूर्व स्नातकों का रहेगा योगदान

डॉ मनोज शैल एवं आचार्य मदन शाण्डिल्य ने कहा कि इस संस्था ने विश्वविद्यालय के कुलपति, विभागाध्यक्ष, प्राचार्य, आचार्य, व्याख्याता,प्रवक्ता, शास्त्री एवं व्यासपीठ को सुशोभित करने वाले हीरे दिए हैं । यह अपने आप में अद्वितीय है। आने वाले वर्षों में महाविद्यालय अपनी स्थापना के सौ वर्ष पूर्ण करेगा। उस शताब्दी समारोह में श्री शक्ति संस्कृत महाविद्यालय स्नातक परिषद् श्री नयना देवी जी तन-मन-धन से आयोजित करने में सहयोग करेगी तथा महाविद्यालय की स्थापना करने वाले पुजारी वर्ग के परिवारों का तथा मंदिर प्रबंधन का अभिनंदन करेगी। जिसके लिए श्री शक्ति संस्कृत महाविद्यालय स्नातक परिषद् का गठन किया गया है।

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