- नादौन की रिमझिम व मन्नत पूरे हिमाचल में प्रथम, प्रीति चौधरी द्वितीय
- विद्यालय पहुंचने पर हुआ जोरदार स्वागत
आवाज ए हिमाचल
नादौन। कहते हैं “उद्यमेन हि सिद्ध्यन्ति, कार्याणि न मनोरथैः” अर्थात् कठोर परिश्रम करने से असंभव कार्य भी सिद्ध हो जाते हैं, मन की इच्छाओं से नहीं। इस पंक्ति को रावमापा कन्या नादौन ने पूरे हिमाचल में प्रथम आकर सिद्ध कर दिया है। जानकारी देते हुए विद्यालय के संस्कृत अध्यापक नरेश मलोटिया ने बताया कि संस्कृत भाषा के उन्नयन हेतु हिमाचल संस्कृत अकादमी शिमला के द्वारा प्रतिवर्ष विद्यालयों में विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, ताकि हिमाचल प्रदेश की इस देवभूमि में ज्ञान-विज्ञान, संस्कार-संस्कृति, सभ्यता, शिष्टाचार, चिकित्सा, अर्थशास्त्र, सामाजिक व नैतिक मूल्यों से युक्त, विश्व-स्तरीय भाषाओं की जननी, संपोषक संस्कृत भाषा का संरक्षण और संवर्धन निरंतर धारा में प्रवाहित होता रहे।
बता दें कि जिला स्तरीय संस्कृत प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं ने बिलासपुर में आयोजित दो दिवसीय राज्य स्तरीय संस्कृत प्रतियोगिता में भाग ग्रहण किया, जिसमें कन्या विद्यालय नादौन की वरिष्ठ वर्ग की तीन छात्राओं रिमझिम, प्रीति चौधरी और मन्नत ने भी जिला हमीरपुर का प्रतिनिधित्व किया। कन्या विद्यालय नादौन की 12वीं विज्ञान की छात्रा रिमझिम ने श्लोकोच्चारण में प्रथम स्थान, दसवीं की होनहार छात्र मन्नत ने मंत्रोच्चारण में प्रथम स्थान तथा 12वीं कला की प्रीति चौधरी ने संस्कृत गीतिका में द्वितीय स्थान प्राप्त करके जिला हमीरपुर सहित अध्यापकों, अभिभावकों व विद्यालय को गौरवान्वित किया। उन्होंने बताया कि राज्य स्तर पर प्रथम आने वाली छात्राओं को हिमाचल संस्कृत अकादमी के सौजन्य से ₹2500-₹2500 का नगद इनाम सहित स्मृति चिह्न तथा द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाली छात्रा को ₹2000 के नगद इनाम सहित स्मृति चिह्न प्रदान किया गया।
विद्यालय पहुंचने पर संस्कृत अध्यापक सहित छात्राओं का भव्य स्वागत
दो दिवसीय कार्यक्रम के उपरांत सोमवार को विद्यालय के उप-प्रधानाचार्य परमजीत सिंह सहित समस्त स्टाफ सदस्यों, प्रशिक्षु शिक्षकों व छात्राओं ने संस्कृत अध्यापक नरेश मलोटिया, हिंदी अध्यापिका रजनी बाला सहित सभी विजेता छात्राओं का भव्य स्वागत किया। उन्होंने कहा कि पूरे हिमाचल के प्रतिभावान बच्चों के साथ प्रतियोगिता करके प्रथम स्थान प्राप्त करना विद्यालय के लिए गौरव का विषय है।
संस्कृत अध्यापक नरेश मलोटिया ने छात्राओं को तराशा
उप-प्रधानाचार्य ने बताया कि विद्यालय के संस्कृत अध्यापक नरेश मलोटिया और छात्राओं द्वारा पूरे वर्ष किए गए कठोर परिश्रम से ही यह अभूतपूर्व उपलब्धि प्राप्त हुई है। 12वीं कक्षा की विज्ञान व कला विषय की छात्राओं को हमेशा अतिरिक्त समय देकर तैयारी करवाई। इसके अतिरिक्त कर्मठ संगीत अध्यापक नरेंद्र सिंह ठाकुर, रजनी वाला और नीना धीमान ने भी छात्राओं का समय समय पर सहयोग किया।
विद्यालय की होनहार छात्राओं द्वारा किए गए कठोर परिश्रम से ही उन्होंने हिमाचल प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। संस्कारों और संस्कृति की सम्पोषक संस्कृत भाषा के प्रति छात्राओं का आकर्षण सुन्दर समाज व भविष्य की परिकल्पना है। छात्र हित में तन-मन-धन से अध्यापन करना ही अध्यापक का सर्वप्रथम व प्रमुख कार्य है, जिसके लिए कन्या विद्यालय का शिक्षक परिवार पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध व कृतसंकल्प है।