संयुक्त किसान मोर्चा ने फिर से आंदोलन का बिगुल बजाने का लिया निर्णय, जानें वजह

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आवाज़ ए हिमाचल 

चंडीगढ़, 15 मार्च। संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बार फिर आंदोलन का बिगुल बजाने का निर्णय लिया है। सरकार पर एम.एस.पी. गारंटी कानून समेत सभी मांगों पर अमल नहीं करने का आरोप लगाते हुए ऐलान किया है कि 11 से 17 अप्रैल तक देशभर में एम.एस.पी. गारंटी सप्ताह अभियान चलाया जाएगा।

दिल्ली में हुई संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में किसान नेताओं ने कहा कि एम.एस.पी. गारंटी सप्ताह के दौरान संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े सभी घटक संगठन सभी किसानों को अपने सभी कृषि उत्पाद पर स्वामीनाथन कमीशन द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग उठाते हुए धरना, प्रदर्शन, गोष्ठी का आयोजन करेंगे।

बैठक में लखीमपुर खीरी कांड में चल रही कानूनी प्रक्रिया पर भी चर्चा की गई। किसान नेताओं ने कहा कि पुलिस प्रशासन और अभियोक्ता सब मिलकर अपराधियों को बचाने और बेकसूर किसानों को फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। यह आश्चर्य का विषय है कि इतने संगीन मामले में केंद्रीय मंत्री के बेटे को इतनी जल्दी जमानत मिल गई जबकि इसी मामले में फंसाए गए किसान अभी भी जेल में बंद हैं। मोर्चे ने तय किया कि इस मामले में कानूनी लड़ाई में कोई ढील नहीं बरती जाएगी और मोर्चे की तरफ से किसानों के परिवारों को पूरी कानूनी मदद दी जाएगी।

मोर्चे ने भारत सरकार द्वारा 9 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा को दिए लिखित आश्वासनों की समीक्षा की और कहा कि 3 महीने बीत जाने के बाद भी सरकार ने अपने प्रमुख आश्वासनों पर कुछ भी नहीं किया है। एम.एस.पी. पर जो कमेटी बनाने का आश्वासन था उसका नामोनिशान भी नहीं है। हरियाणा को छोड़कर अन्य राज्यों में किसानों के विरुद्ध आंदोलन के दौरान बने केस वापस नहीं लिए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने कुछ केसों को आंशिक रूप से वापस लेने की बात कही है लेकिन उसका भी कोई ठोस सूचना नहीं है। देशभर में रेल रोको की केसों के बारे में भी कुछ नही हुआ है। किसान नेताओं ने लखीमपुर खीरी कांड पर सरकार की भूमिका और किसान आंदोलन को दिए आश्वासनों पर वादा खिलाफी के मुद्दे को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने 21 मार्च को देशभर में रोष प्रदर्शन आयोजित करने का निर्णय लिया है। मोर्चे ने फिर दोहराया कि 28 और 29 मार्च को ट्रेड यूनियन द्वारा भारत बंद के आह्वान का संयुक्त किसान मोर्चा समर्थन करेगा।

 

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