संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली ने वीडियो कॉल के माध्यम से जुखाला में धरने पर बैठे किसानों का जताया आभार

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आवाज़ ए हिमाचल

अभिषेक मिश्रा,बिलासपुर
03 जनवरी।दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में जुखाला के किसान पिछले 6 दिनों से क्रमिक के धरने पर बैठे हुए हैं ।जिसके लिए संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली ने वीडियो कॉल के माध्यम से उनके समर्थन में जुखाला में बैठे किसानो का किया धन्यवाद करते हुए उनका आभार व्यक्त किया।

दिल्ली से कॉल आने का बाद धरने पर बैठे किसानो का हौसला और बढ़ गया । रविवार को वीडियो कॉल के माध्यम से संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली के सदस्य व भारतीय किसान यूनियन के किसान नेता राकेश टिकैत व युद्धवीर सिंह ने हिमाचल प्रदेश के ट्रांसमिशन लाइन के प्रभावित किसानों को किसान आंदोलन को अपार समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया, और उन्होंने स्पष्ट किया कि खेती व किसान के संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा हेतु जायज लड़ाई व कृषि अध्यादेश को खारिज करने तक आंदोलन जारी रहेगा,

उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि किसानों के हित में सरकार कल होने वाली बैठक में कोई उचित फैसला लेगी।जिसके बाद जुखाला में बैठे किसानो के हौंसले और दृढ हो गए।उन्होंने सरकार से किसानों के हित में कृषि अध्यादेश को तुरंत वापस लेने की मांग की।

टॉवर लाइन शोषित जागरूकता मंच के राष्ट्रीय संयोजक व भारतीय किसान यूनियन के हिमाचल संयोजक अधिवक्ता व सामाजिक कार्यकर्ता रजनीश शर्मा ने कहा कि अगर केंद्र सरकार कल दिल्ली में होने वाली बैठक में किसानों के संवेदनशील विषय पर उचित हल नहीं करती है तो आने वाले दिनों में ट्रांसमिशन लाइन के किसान आंदोलन को हिमाचल स्तर पर किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर गति देंगे।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से कुल्लू से लुधियाना तक अनिल अंबानी की कंपनी पार्वती कोलडैम ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा गैरकानूनी तरीके से बिछाई गई ट्रांसमिशन लाइन के खिलाफ हिमाचल प्रदेश के किसान भी आंदोलनरत है, और अपने संवैधानिक भूमि अधिकारों तथा भूमि अधिग्रहण की मांग को उठा रहे हैं,


भारतीय जनता पार्टी द्वारा विधानसभा चुनाव 2018 में पार्वती कोलडैम ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा गैर कानूनी तरीके से लोगों के घरों, दुकानों, मलकीत जमीन, तथा मवेशीखानों का मुआवजा अदा नहीं करने के मामले को उठाया गया था, तथा कांग्रेस के नेताओं ने भी जिला स्तर पर ट्रांसमिशन लाइन से प्रभावित किसानों की मांग को समर्थन दे चुकी है, लेकिन हैरानी की बात है कि प्रदेश स्तर पर राजनीतिक पार्टियों के हेड क्वार्टरओं द्वारा इन गंभीर घोटाले पर कोई भी कार्यवाही अमल में लाने के लिए मांग प्रदेश स्तर पर नहीं उठाई गई है,


जिसमें सभी सरकारी विभागों के साथ मिलीभगत कर अनिल अंबानी की कंपनी ने लोगों के साथ धोखाधड़ी व आपराधिक षड्यंत्र द्वारा सरेआम अंग्रेजों के जमाने में बनाए गए इंडियन टेलीग्राफ एक्ट की आड़ में लूट की है, जिसमें राजनीतिक दलों के चाटुकार व ठेकेदार किस्म के नेताओं ने लोगों को बहलाकर फुसलाकर कमीशनखोरी कर सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाई है, जिसमें बहुत से सरकारी अधिकारियों ने मुआवजा निर्धारण कमेटियों का गठन किए बिना प्राइवेट कंपनी को अपने स्तर पर लूटपाट करने की साइलेंट परमिशन दी,
हैरानी की बात है कि हिमाचल प्रदेश बिजली उत्पादन में अग्रणी राज्य है लेकिन बिजली के ट्रांसमिशन लाइनों को बिछाने के लिए प्राइवेट उद्योगपतियों के दबाव में आकर किसी भी प्रकार का विशेष कानून आज दिन तक किसी भी राजनैतिक दल के द्वारा हिमाचल विधानसभा में पारित नहीं किया गया है।
विभिन्न सामाजिक संस्थाओं व सामाजिक लोगों ने भी अवतार सिंह, राम लोक ठाकुर, भगत सिंह वर्मा, सरवन ठाकुर, मनोज पराशर, आदि ने किसान आंदोलन के समर्थन में धरने पर बैठे लोगों की हौसला अफजाई की।

रविवार को यह बैठे धरने पर
बालक राम शर्मा, रमाकांत संख्यान, गोगी राम ठाकुर, काला राम, सुरेश कुमार, विनीत शर्मा, अन्य किसानों प्रेम लाल भड़ोल, नंद लाल, जगदीश, ध्रुव, करण, गंगा राम, इन्द्र सिंह, सुनीता देवी आदि भी मौजूद रहे।

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