आवाज़ ए हिमाचल
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर भी जमकर विपक्ष को लपेटा। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में जिनको आर्थिक नीतियों की समझ नहीं है। जो 24 घंटे राजनीति के सिवाय कुछ सोचते नहीं है। जो सत्ता खेल खेलना यही जिनको सार्वजनिक जीवन का काम दिखता है। उन्होंने अर्थनीति को अनर्थनीति में परिवर्तित कर दिया है। मैं उनको चेतावनी देना चाहता हूं और कहना चाहता हूं अपने राज्यों को समझाएं कि ये गलत रास्ते पर न चले जाएं। उन्होंने श्रीलंका और पाकिस्तान का उदाहरण देते हुए कहा कि आज हम हमारे पड़ोस के देशों का हाल देख रहे हैं। वहां पर क्या हाल हुआ है। अनाप-शनाप कर्ज लेकर के किस प्रकार के देश को डूब गए हैं। आज हमारे देश में ही तत्कालीन लाभ के लिए आने वाली पीढ़ी के लिए कर्ज छोड़कर जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कर्ज करो घी पीयो वाला खेल आज जो राज्यों ने अपना उनको तो तबाह कर देंगे। देश को भी बर्बाद कर देंगे और देश अब कर्ज के तले दबते जा रहे हैं। ये देश आज दुनिया में उनको कर्ज देने के लिए कोई तैयार नहीं है। राजनीतिक वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। दलों के बीच टीका टिप्पणी हो सकती है। लेकिन देश की आर्थिक स्थिति के साथ खिलवाड़ मत कीजिए। आज ऐसा कोई पाप मत कीजिए जो आपके बच्चों के अधिकारों को छीन ले और आज अपनी मौज कर लें और बच्चों के नसीब में बर्बादी सूट जरूर करेगा।
मोदी ने कहा कि मैंने तो देखा कि एक मुख्यमंत्री ने निर्णय किया कि अभी मुसीबत मुझे कहां आएगी 2030-32 के बाद आएगी। जो आएगा वो भुगतेगा। क्या कोई देश ऐसे चलता है क्या? यह एक चिंता विषय है। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक सेहत के लिए राज्यों को भी अपनी आर्थिक सेहत के लिए डिसीप्लेन का रास्ता चुनना पड़ेगा और तभी जाकर राज्य भी इस विकास की यात्रा का लाभ ले पाएंगे और उनके राज्यों के राज्यों के नागरिकों का भला करने में हमें भी सुविधा हो जाएगी ताकि हम उनतक लाभ पहुंचाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि 2047 में विकसित भारत बने। यह हम सबका संकल्प है। अब देश पीछे मुड़कर देखने को तैयार नहीं है। देश लंबी छलांग मारने को तैयार है।
पीएम मोदी ने भाषण के अंत में छाती ठोककर कहा कि देश देख रहा है कि एक अकेला कितनों पर भारी पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि 2047 में ये देश विकसित भारत बने। यह हम सबका सपना है। यह 140 करोड़ देशवासियों का सपना है। पीएम मोदी ने छाती ठोककर बोलते हुए कहा कि देश देख रहा है कि एक अकेला कितनों पर भारी पड़ रहा है। नारे बोलने के उनको एक-दूसरे का का सहारा लेना पड़ रहा है। इस बीच करीब एक मिनट तक भाजपा के सांसदों ने मोदी-मोदी के नारे लगाए।
पीएम ने कहा कि अब देश पीछे मुड़कर देखने को तैयार नहीं है। देश लंबी छलांग मारने को तैयार है। जिनकी दो वक्त रोटी का सपना उसको आपने एड्रेस नहीं किया। हमने एड्रेस किया है। जिनको सामाजिक न्याय की अपेक्षा थी, हमने एड्रेस किया। देश जिन अवसरों को तलाशता था। उन अवसरों को उपलब्ध कराने के लिए हमने अनेक कदम उठाए हैं और आजाद भारत का जो सपना है। उन सपनों को पूरा करने के लिए हम संकल्पबद्ध होकर चलें।