शोपियां में कश्मीरी पंडित की गोली मारकर हत्या, जम्मू में जगह-जगह रोष प्रदर्शन

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आवाज़ ए हिमाचल

जम्मू-कश्मीर। घाटी में आतंकियों ने एक बार फिर टारगेट किलिंग को अंजाम दिया है। दक्षिण कश्मीर के जिला शोपियां में आंतकियों ने कश्मीरी पंडित को गोली मारकर घायल कर दिया। व्यक्ति को अस्पताल दाखिल कराया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। सूचना मिलते ही पुलिस और सुरक्षाबलों की टीम मौके पर पहुंच गई है। इलाके को घेर लिया गया है। आतंकियों की तलाश की जा रही है।

जानकारी के अनुसार, जिला शोपियां के चौधरी गुंड इलाके में आतंकियों ने कश्मीरी पंडित पूरण कृष्ण भट को उस समय गोली मार कर लहूलुहान कर दिया जब वह अपने बाग की ओर जा रहे थे। हमले को अंजाम देकर आतंकी फरार हो गए। वहीं, घायल पूरण भट को तुरंत पास के अस्पताल ले जाया गया है, लेकिन उन्होंने दम तोड़ दिया।  सूत्रों के अनुसार, पूरण कृष्ण भट शोपियां के चौधरी गुंड इलाके के स्थायी निवासी थे और 1989 के दौरान बिगड़े हालातों के बीच भी उन्होंने घाटी से पलायन नहीं किया था। घाटी में एक और लक्षित हत्या के बाद कश्मीर पंडित और घाटी के अल्पसंख्यक वर्गों में रोष है।

कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति (केपीएसएस) ने इस हमले पर कड़ा रोष जताया है। समिति ने सोशल मीडिया पर लिखा कि शोपियां के चौधरी गुंड में एक और कश्मीर पंडिता की हत्या कर दी गई। 13 अक्टूबर को ट्वीट के बावजूद ग्राउंड जीरो पर कुछ भी नहीं बदला गया है। यह गृह मंत्री अमित शाह को संदेश है कि कश्मीर के हालात 1990 की तरह के हैं। वहीं एक अन्य ट्वीट में समिति ने आरोप लगाया है कि डीसी शोपियां और एसएसपी शोपियां पीड़ित परिवार पर दबाव बना रहे हैं कि वे जल्द से जल्द पीड़ित का अंतिम संस्कार कर दिया जाए। क्योंकि उन्हें घाटी में सामान्य स्थिति दिखानी है।

 सड़क जाम कर किया प्रदर्शन

जम्मू के कनाल रोड को जाम कर पीएम पैकेज के तहत कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने शोपियां में आतंकवादियों द्वारा पूरण कृष्ण भट्ट की हत्या के विरोध में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने इस हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा कि बार-बार सरकार को कह चुके हैं कि घाटी में हालात सामान्य नहीं हैं, लेकिन फिर भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि वे करीब पांच महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं और घाटी से बाहर कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को तैनात करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों को बार-बार अनदेखा किया जा रहा है।

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