आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश के सोलन जिला में शूलिनी देवी मंदिर में जिला प्रशासन द्वारा कीर्तन करने पर रोक लगाने के आदेश की मठ मंदिर प्रबंधन समिति (तदर्थ) हिमाचल प्रदेश ने कड़ी भर्त्सना की है और मांग की है कि इस आदेश को तुरंत निरस्त किया जाए। समिति ने प्रदेश सरकार से भी आग्रह किया है कि जिला प्रशासन सोलन को आदेश दिए जाएं कि इस आदेश को निरस्त किया जाए।
बिलासपुर में पत्रकारों से बात करते हुए समिति के प्रदेश अध्यक्ष इंद्र डोगरा ने बताया कि यह बहुत ही निम्न सोच का परिचय देते हुए आदेश किए गए हैं। उन्होंने सरकार से यह आग्रह किया सनातन धर्म के लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए तुरंत प्रदेश के सारे अधिगृहित किए गए मठ मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से हटाकर मठ मंदिर प्रबंधन समिति को सौंपा जाए। उन्होंने बताया कि मठ मंदिरों को बनाने में सरकारों का कभी भी कोई भी योगदान नहीं रहा। मठ मंदिर चाहे छोटे हैं या बड़े हैं पूर्ण रूप से सनातन धर्म को मानने वाले समाज द्वारा बनाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि सरकारें अपने संस्थानों को जो कि हमेशा घाटे में रहते हैं उन्हें चलाएं और हिंदू समाज के मठ मंदिरों का प्रबंधन पूर्ण रूप से हिंदू समाज को सौंप दें । उन्होंने कहा कि सरकार अपने द्वारा अधिग्रहित जितने भी मठ मंदिर हैं जब तक उन्हें हिंदू समाज को नहीं सौंप दिया जाता तब तक का लेखा-जोखा यानी कि मठ मंदिरों से कितनी आय हुई और उसका कहां-कहां व्यय किया गया हिंदू समाज के समक्ष पारदर्शी रूप से रखा जाए । उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन में अगर कोई अधिकारी अन्य धर्मावलंबी है तो उस व्यक्ति को प्रबंधन में किसी भी प्रकार की भागीदारी न दी जाए।