आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा बिलासपुर
01 दिसंबर। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग सदर ब्लॉक मारकंड के सौजन्य से डॉक्टर सतीश कवंर खंड चिकित्सा अधिकारी के दिशा निर्देश में बुधवार को विश्व एड्स दिवस शिवालिक पब्लिक स्कूल जुखाला में मनाया गया। जिसमें हेल्थ एजुकेटर ने एचआईवी एड्स पर विस्तार से जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि एचआईवी (HIV) संक्रमण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 1 दिसंबर को वर्ल्ड एड्स डे (World AIDS Day) मनाया जाता है। WHO ने सबसे पहले विश्व एड्स दिवस को वैश्विक स्तर पर मनाने की शुरुआत अगस्त 1987 में की थी।
एड्स की जागरूकता अभियान से जुड़े जेम्स डब्ल्यू बुन और थॉमस नेटर नाम से ही इसकी शुरुआत की गई थी। एड्स एचआईवी इंफेक्शन से होने वाली गंभीर बीमारी है। इसे मेडिकल भाषा में ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस यानि एचआईवी के नाम से जाना जाता है। वहीं लोग इसे आम बोलचाल में एड्स यानी एक्वायर्ड इम्यून डेफिशिएंसी सिंड्रोम के नाम से जानते हैं।इसमें जानलेवा इंफेक्शन व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून सिस्टम) पर हमला करता है जिसकी वजह से शरीर सामान्य बीमारियों से लड़ने में सक्षम नहीं हो पाता।
विश्व एड्स दिवस के लिए इस वर्ष की थीम है- ‘असमानताओं को समाप्त करें, एड्स का अंत करें। वर्ष 2008 के बाद, प्रत्येक वर्ष की थीम को विश्व एड्स अभियान (डब्ल्यूएसी) की ग्लोबल स्टीयरिंग कमेटी द्वारा चुना जाता है। एड्स मुख्यता चार प्रकार से फैलता है। असुरक्षित यौन संबंध 2. संक्रमित सुई व नीडल्स से3. संक्रमित रक्त के चढ़ाने से 4. संक्रमित मां से बच्चे को। एचआईवी/ एड्स से बचने के उपाय- जीवनसाथी के प्रति वफादार रहे। रक्त चढ़ाने से पहले रक्त की जांच अवश्य कर लें रक्त एचआईवी नेगेटिव होना चाहिए।
डिस्पोजेबल प्रिंसेस नीडल का प्रयोग करें व हर गर्भवती माता का गर्भधारण के पहले ही महीने में एचआईवी के लिए रक्त परीक्षण किया जाना चाहिए ताकि उसके होने वाले बच्चे को एचआईवी संक्रमण से बचाया जा सके। यह परीक्षण ग्रामीण स्तर तक स्वास्थ्य उपकेंद्र भी किया जाता है।एचआईवी एड्स से प्रभावित बच्चों को 18 वर्ष तक की आयु तक सरकार की तरफ से सहायता राशि भी दी जाती है। इस अवसर पर शिवालिक पब्लिक स्कूल के बच्चे तथा अध्यापक उपस्थित रहे।