आवाज ए हिमाचल
15 मार्च। अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेले में इस बार 99 साल बाद देवी बायला की गुसैण जंजैहली भी पहुंची है। वर्षों बाद मंडी पहुंची माता के दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा हुआ है। देवी बायला की गुसैण अपनी प्राचीन समय के स्थान मंडी कालेज में स्थित पीपल के पेड़ के नीचे विराजमान हुई है। देवी बायला की गुसैण के पुजारी दुर्गा सिंह ने बताया कि माता 99 साल पहले देवी शिवरात्रि मेले में अंतिम बार गई थीं।
इसके बाद देवी के रथ को शिवरात्रि मेले में नहीं ले जाया गया। मंडी शहर व जंजैहली के बीच करीब 90 किलोमीटर की दूरी भी इसमें बाधा रही। देवी के रथ को एक समय आठ लोग उठाते हैं। इसलिए देवलुओं की भी कमी रहती थी। उन्होंने बताया कि रथ को उठाने वाले लोगों को हर आधे घंटे बाद बदलना पड़ता है।उन्होंने बताया कि देवी मां का रथ लाना काफी मुश्किल है। उन्होंने बताया कि माता के तीन रूप है। इसमें लक्ष्मी, पार्वती और भगवती। क्षेत्र के नाम पर माता का नाम बायला की गुशैण रखा गया है।