शिरोमणि पंथ रतन संत बाबा इकबाल सिंह बाबा के श्रद्धांजलि समागम में अर्पित किए श्रद्धा सुमन 

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आवाज़ ए हिमाचल 

गोपाल, राजगढ़  

8 फरवरी। पद्मश्री, विद्या मार्तंड एवं शिरोमणि पंथ रतन संत बाबा इकबाल सिंह (सेवानिवृत्त निदेशक कृषि हिमाचल प्रदेश, पूर्व अध्यक्ष, कलगीधर ट्रस्ट, बड़ू साहिब, पूर्व चांसलर, इटरनल यूनिवर्सिटी, बड़ू साहिब और अकाल यूनिवर्सिटी, तलवंडी साबो) का श्रद्धांजलि समारोह गुरुद्वारा बड़ू साहिब में आयोजित किया गया जहां संतों-महापुरुषों, जथेदार सिंह साहिबानों और विभिन्न जत्थेबंदियों के प्रमुखों ने बाबा को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

श्री दरबार साहिब के हज़ूरी रागी भाई करमजीत सिंह और भाई जबरतोड़ सिंह ने जहाँ कीर्तन से संगत को निहाल किया वहीं बड़ू साहिब के बच्चों द्वारा अमृत वेले पांच बाणियों के पाठ के अतिरिक्त सुखमनी साहिब का पाठ और आसा की वार का कीर्तन भी किया गया।

इस समागम के दौरान श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह सिंह साहिब ज्ञानी रघबीर सिंह , तख्त केसगढ़ साहिब, हरजिंदर सिंह धामी, अध्यक्ष, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, बाबा हरनाम सिंह धुम्मा, मुखी दमदमी टकसाल, बुड्ढा दल शिरोमणि पंथ अकाली के मुखिया जत्थेदार बाबा बलवीर सिंह ,सिंह साहिब ज्ञानी जगतार सिंह जी, मुख्य ग्रंथी, दरबार साहिब अमृतसर, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य करनैल सिंह पंजोली ने संगत को संबोधित करते हुए कहा कि 20वीं सदी के महान तपस्वी संत अतर सिंह जी मस्तुआना वालों के अन्य सेवक संत तेजा सिंह के पदचिन्हों पर चलते हुए संत बाबा इक़बाल सिंह बड़ू साहिब वालों ने मानवता के प्रति निरंतर सेवा करते हुए अपनी सांसारिक यात्रा पूरी की। बाबा जी का मानना ​​था कि गरीबों, शोषितों और पिछड़े वर्गों के लिए निरंतर जनकल्याण कार्य करना ही समाज के लिए वास्तविक योगदान है, इसलिए वे समाज सेवा के हर पहलू में शामिल हुए, जिसकी बदौलत बाबा जी को भारत सरकार की तरफ से पद्मश्री 2022 से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई।

उन्होंने कहा कि पंजाब सहित पूरे देश में बच्चों को दुनियावी शिक्षा के साथ-साथ आध्यात्मिक शिक्षा देने के उद्देश्य से बाबा जी द्वारा कुछ ही वर्षों में 129 अकाल अकादमियों की स्थापना करना किसी चमत्कार से कम नहीं है। बाबा जी ने अध्यात्म को प्राथमिकता दी और सिख धर्म और विरासत के उस ‘अकाल’ को आधार बनाते हुए अकाल अकादमियों में सिख मर्यादा प्रचलित की, जिसकी बदौलत आध्यात्मिक और गुरमत शिक्षा में परिपक्व इन अकादमियों के बच्चों ने देश-विदेश में कीर्तन, कविशरी और ढाडी जत्थों के रूप में अलौकिक प्रदर्शन किये और बाबा जी के नेतृत्व में कलगीधर ट्रस्ट बड़ू साहिब ने पूरे विश्व में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई।

इस अवसर पर जत्थे. साहिबान, संत-महापुरषों और पंथ के गणमान्य व्यक्तियों द्वारा डा. बाबा दविंदर सिंह को कलगीधर ट्रस्ट, बड़ू साहिब के प्रमुख के रूप में दस्तारें भी भेंट की गईं। समारोह के दौरान मंच का संचालन शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य स. अमरजीत सिंह चावला ने किया और समारोह के अंत में कलगीधर ट्रस्ट के अध्यक्ष बाबा दविंदर सिंह जी की तरफ से भाई जगजीत सिंह (काका वीर ) ने भोग में शामिल होने के लिए संगतों का धन्यवाद किया।

इस अवसर पर बाबा जसपाल सिंह जोह्लां वाले, भाई अमृत सिंह , अध्यक्ष गुरुद्वारा कमेटी नाहन; भाई मनमोहन सिंह कोछड़ दिल्ली, बाबा लखमीर सिंह रतवाड़ा, बाबा जगतार सिंह काहनगढ़ वाले, बाबा सुखदेव सिंह सिधाणा साहिब वाले, पद्मश्री बाबा सेवा सिंह जी खडूर साहिब वाले, डॉ. जसपाल सिंह पूर्व कुलपति पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला, बीबी किरनप्रीत कौर धामी सदस्य पंजाब राज्य महिला आयोग, भाई हरमिंदर सिंह नंगल मुख्य सचिव शिरोमणि कमेटी, भाई अजायब सिंह जी मेंबर शिरोमणि कमेटी, जगदीप सिंह काहलों महासचिव दिल्ली सिख गुरद्वारा प्रबंधक कमेटी, भाई गुलजार सिंह कारसेवा दिल्ली, बाबा अवतार सिंह मौड़ा वाले, पंथ रतन भाई जसवीर सिंह , बाबा जगतार सिंह तरनतारन वाले, बाबा काका सिंह मस्तुआना साहिब, बाबा टेक सिंह धनोला, बाबा अमरजीत सिंह भूरी वाले, बाबा निहाल सिंह नानकपुरी, बाबा अवतार सिंह धूलकोट, बाबा भूपिंदर सिंह जरग, बाबा जसपाल सिंह जी जोहलांवाले, बाबा सुखविंदर सिंह भूरी वाले, बाबा जोगा सिंह करनाल वाले, बाबा सेवा सिंह , संत अवतार सिंह नानकसर, बाबा जगतार सिंह कारसेवा तरनतारन, बाबा जसविंदर सिंह हरेड़ी वाले, भाई हरबेअंत सिंह मस्तुआना साहिब, बाबा चंद्रमुनि मुख्य प्रबंधक गौशाला शेरों, बाबा मक्खन मुनि डूम, बाबा रुड़की दास बीर कलां, बाबा हरबंस सिंह पक्का डेरा चीमा, बाबा सुरजीत सिंह महिरों, भाई मक्खन सिंह मुख्य ग्रंथी गुरद्वारा नानकसर चीमा साहिब, काका मगनदीप सिंह जी मान, बाबा हरकीरत सिंह पटियाला, भाई पृथी सिंह , भाई जगमेल सिंह छाजला, भाई तेजिंदर सिंह खिजराबादी, बाबा गुरमुख सिंह जी, बाबा परमजीत सिंह , भाई इंद्रजीत सिंह मोंटी और सरबजीत सिंह जी विर्क ने भी अंतिम अरदास के समय हाजरी लगवाई।

इस अवसर पर गुरद्वारा श्री गुरु सिंह सभा राजौरी गार्डन नई दिल्ली, अखिल भारतीय ग्रंथी रागी प्रचारक सिंह सभा, गुरु गोबिंद सिंह स्टडी सर्कल संगरूर, अकाल सहाय निष्काम सभा दिल्ली, गुरद्वारा बंगला साहिब नई दिल्ली, दिल्ली मोटर ट्रेडर्ज एसोसिएशन, गौशाला समिति चीमा साहिब, नगर पंचायत चीमा साहिब, संत अतर सिंह कुश्ती अखाड़ा चीमा साहिब, जगतजीत एग्रो इंडस्ट्रीज़ चीमा साहब की तरफ से भी शोक संदेश भेजे गए।

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