शिमला में अंगीठी की गैस लगने से सिरमौर के 2 लोगों की मौत, 7 की हालत नाजुक

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आवाज़ ए हिमाचल

शिमला। हिमाचल प्रदेश में कड़ाके की ठंड से बचने के लिए सुलगाई अंगीठी ही जान की दुश्‍मन बन गई। जिला शिमला के कुमारसैन उपमंडल की जरोल पंचायत के शीलाजान गांव में अंगीठी की गैस लगने से दो लोगों की मौत हो गई और सात लोग बेहोश हो गए। उन्हें बेहोशी की हालत में कोटगढ़ अस्पताल में लाया गया। यहां उनका उपचार चल रहा है। ये लोग सिरमौर जिला के रेणुकाजी क्षेत्र के रहने वाले हैं। जो शिमला में मेहनत मजदूरी करते हैं। इस घटना में 22 वर्षीय रमेश पुत्र महेन्द्र सिंह और 21 वर्षीय सुनील पुत्र दौलत सिंह गांव चाडना डाकघर भाटगढ़ तहसील रेणुकाजी जिला सिरमौर की मौत हो गई, जबकि 22 वर्षीय अनिल पुत्र कुंदिया राम, 40 वर्षीय कुलदीप पुत्र अमर सिंह, 34 वर्षीय राजेन्द्र चौहान पुत्र अमर सिंह, 36 वर्षीय राहुल पुत्र धनवीर,  29 वर्षीय विनोद पुत्र अमर सिंह, 29 वर्षीय यशपाल पुत्र कुंदिया राम सभी निवासी गांव बबाई बलीच डाकघर कोटी मधान तहसील रेणुकाजी जिला सिरमौर, 19 वर्षीय कुलदीप पुत्र दौलत राम गांव चाडना डाकघर भाटगढ तहसील रेणुकाजी जिला सिरमौर काटगढ़ में उपचाराधीन हैं।

बंद कमरे में बढ़ जाता है कार्बन मोनोआक्‍साइड का स्‍तर
डाक्टरों के अनुसार बंद कमरे में अंगीठी या हीटर जलाने से वातावरण में कार्बन मोनोआक्साइड का स्तर बढ़ जाता है, जबकि आक्सीजन का स्तर घट जाता है। कार्बन मोनोआक्साइड सांस के माध्यम से पहले दिमाग और बाद में पूरे शरीर में पहुंच जाती है। दिमाग पर असर होने पर इंसान बेहोश हो जाता है, समय पर उपचार नहीं मिलने पर मुत्यु हो जाती है।

सोने से पहले बाहर निकाल दें अंगीठी
विशेषज्ञ लोगों को सलाह देते हैं कि सोने से पहले जलती अंगीठी को कमरे से बाहर निकाल दें। वहीं, कमरे में हवा आने के लिए एक खिड़की खोल कर रखें। सर्दी के माैसम में यह एहतियात बरतने की आवश्‍यकता है। प्रदेश में सर्दी के दौरान ऐसे कई मामले सामने आते हैं।

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