आवाज ए हिमाचल
03 जनवरी।शिमला जिले के ठियोग उपमंडल में सामने आए पेयजल आपूर्ति घोटाले के आरोप में जल शक्ति विभाग के दस अफसरों को निलंबित कर दिया है। इनमें से एक अधिकारी की मौत हो चुकी है। इनका नाम भी निलंबन सूची में रखा गया है। निलंबित अधिकारियों में दो अधिशासी, तीन सहायक, चार कनिष्ठ और एक सेवानिवृत्त कनिष्ठ अभियंता शामिल है। प्रदेश सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए यह कार्रवाई की है। इन अधिकारियों को जल शक्ति विभाग मुख्यालय में अटैच कर दिया गया है। इससे संबंधित सभी ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है।उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने शुक्रवार को इस मामले में अधिकारियों की बैठक बुलाई। इसमें दोषियों को सस्पेंड करने के आदेश जारी किए। उन्होंने कहा कि मामले की जांच जारी है। जल शक्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को मामले में कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं। उल्लेखनीय है कि अमर उजाला ने 2 जनवरी को इस घोटाले को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।जिन्हें निलंबित किया गया है, उनमें अशोक कुमार भोपाल अधिशाषी अभियंता मतियाना मंडल, बसंत सिंह अधिशाषी अभियंता कसुम्पटी मंडल, प्रणीत ठाकुर सहायक अभियंता मतियाना मंडल, राकेश कुमार सहायक अभियंता कोटी उपमंडल, विकेश शर्मा सहायक अभियंता ठियोग मंडल, मस्त राम ब्राक्टा कनिष्ठ अभियंता ठियोग मंडल, सुरेश कुमार कनिष्ठ अभियंता लाफूघाटी उपमंडल, नीम चंद कनिष्ठ अभियंता मतियाना मंडल, सेवानिवृत्त सुदर्शन कनिष्ठ अभियंता, सुनील कुमार, कनिष्ठ अभियंता धरेच ठियोग मंडल शामिल हैं।बता दें कि शिमला जिले में पिछले साल गर्मियों में टैंकर से पानी की आपूर्ति के नाम पर लाखों का घोटाला सामने आया है। टैंकरों से पानी की आपूर्ति के लिए ठेकेदार को एक करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान किया गया। टैंकरों के नाम पर जिन वाहनों के नंबर दिए गए उनमें मोटरसाइकिल एवं कारों के अलावा एक अफसर की सरकारी गाड़ी भी शामिल है। दो ऐसे गावों में टैंकरों से पानी की आपूर्ति दर्शाई गई जहां सड़क नहीं है।