आवाज़ ए हिमाचल
शिमला, 23 मई। चौपाल विधानसभा क्षेत्र की तहसील नेरवा, चौपाल और कुपवी में आने वाले क्षेत्रों को जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के साथ जनजातीय दर्जा देने के लिए खुमलियों (बैठक) का दौर शुरू हो चुका है। रविवार को नेरवा में खुमली में चौपाल की नेरवा और 20 परगनों के तीन दर्जन से भी अधिक नंबरदारों और आठ जेलदारों ने भाग लेकर सरकार से जनजातीय का दर्जा प्रदान करने की मांग उठाई।
इस मौके पर हर क्षेत्र परगनों के नंबरदारों और जेलदारों के अलावा पांच-पांच सदस्यों की केंद्रीय कमेटी हाटी समिति में शामिल करने का निर्णय लिया गया। खुमली में मौजूद इलाके के नंबरदारों और जेलदारों ने कहा कि लोकसभा चुनाव में चौपाल विधानसभा के लोगों ने सांसद को 27,000 हजार वोटों की लीड देकर जिताया है।
पहले से ही जनजातीय दर्जा प्राप्त उत्तराखंड के जौनसार बाबर और प्रस्तावित जनजातीय क्षेत्र गिरिपार के साथ चौपाल विधानसभा के पुराने क्षेत्रों की भौगोलिक परिस्थितियां एक जैसी हैं। जब गिरिपार को जनजातीय दर्जा दिया जा रहा तो इस क्षेत्र की अनदेखी क्यों की जा रही है।
खुमली में यह भी फैसला लिया गया कि यदि मांग पर अमल नहीं किया गया तो आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे। केंद्रीय हाटी संघर्ष समिति के संयोजक अमर सिंह सिंघटा ने कहा कि उपमंडल चौपाल और कुपवी क्षत्र के लोग ही असली हाटी हैं जो पुराने समय में सैकड़ों मील दूर चूहड़पुर (अब विकासनगर), यमुनानगर, दिल्ली के बड़े हाटों (बाजारों) में खरीदारी के लिए जाते थे। इसलिए इन्हें हाटी कहा जाता था। ऐसे में जनजातीय दर्जा इनका है।