शिक्षकों व अभिभावकों दोनों पर ही निर्भर है बच्चों का भविष्य: संजय चौहान

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आवाज ए हिमाचल

राकेश डोगरा, पालमपुर। उपमंडल धीरा के अंतर्गत आज संजय सिंह चौहान चेयरमैन हिमाचल प्रदेश सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सन्हूं के वार्षिक पारितोषिक समारोह में बतौर मुख्यातिथि अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। इस अवसर पर अन्य स्कूलों के प्रधानाचार्यों, स्थानीय एस एम सी सदस्यों, पंचायत सदस्यों, अभिभावकों के साथ अन्य वरिष्ठ कांग्रेसी पदाधिकारी व कार्यकर्ता भी उपस्थित थे। संजय सिंह चौहान ने बच्चों को आशीर्वाद देते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम का प्रारंभ करने की अनुमति दी। कार्यक्रम के दौरान ही बच्चों का मनोबल बढ़ाने के लिए पुरस्कार वितरण की रस्म भी साथ-साथ चलती रही! प्रधानाचार्य अरुण कुमार ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की तथा पाठशाला की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला! उन्होंने बताया कि इस पाठशाला में एड्स जागरुकता और नशा सेवन के विरोध में प्रति माह विशेष कक्षाएं लगाई जा रही हैं, जिसमें माता-पिता की भागीदारी भी अवश्य दर्ज करवाई जाती है।

संजय सिंह चौहान ने कहा मेरा मानना है कि बच्चों में अनुशासन की भावना को जागृत करने के लिए माता-पिता तथा शिक्षकों दोनों की ही बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। आज जिस प्रकार से नशे का बहुत अधिक प्रचलन हो रहा है। माता-पिता की जिम्मेदारी अत्यधिक बढ़ जाती है, ताकि वे हर समय अपने बच्चों के ऊपर ध्यान रखें व सचेत रहें कि वे किसी गलत संगत या गलत कार्यों में शामिल तो नहीं हो रहे।

संजय सिंह चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए व्यापक स्तर पर सुधार करने की दिशा में आगे बढ़ रही है तथा इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। राज्य में सरकारी क्षेत्र में अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोले जाएंगे। इसके साथ ही स्कूल एडॉप्शन प्रोग्राम भी शुरू किया जाएगा, जिसके लिए खंड, उपमंडल व जिला स्तर के अधिकारियों को शामिल किया जाएगा, ताकि शिक्षा के स्तर में सुधार आ सके। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को गेस्ट लेक्चरर योजना शुरू करने की संभावनाएं तलाशने के भी निर्देश दिये हैं। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन लेने और चयन के बाद उन्हें रिक्त पदों वाले स्कूलों में एक साल के लिए तैनात करने संबंधी प्रावधान भी किए जाएंगे। उन्होंने विभाग को इस योजना का विस्तृत प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विभाग को प्राथमिक और वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं के क्लस्टर बनाकर उनके संसाधनों का सांझा उपयोग करने की रूपरेखा को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने को कहा है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को अन्य गतिविधियों के साथ-साथ एक शैक्षणिक सत्र में अनिवार्य दो सौ बीस अध्यापन दिवस सुनिश्चित करने के लिए कैलेंडर तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का प्रमुख दायित्व विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करना है तथा उन्हें अपने दायित्व का निर्वहन करने के लिए पर्याप्त समय मिलना चाहिए। पहली नियुक्ति पर अध्यापकों को अनिवार्य प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा।

संजय सिंह चौहान ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में लाए जा रहे सुधारों के तहत सरकारी शिक्षण संस्थानों में भी छह वर्ष की आयु में पहली कक्षा में दाखिला सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों कोे आयु वर्ग के अनुसार जीवन उपयोगी कौशल (लाइफ स्किल) में पारंगत किया जाएगा, ताकि उनका ज्ञान केवल किताबों तक ही सीमित न रहने पाए। उन्होंने खेल कूद पर विशेष ध्यान देने के लिए भी कहा है।

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