शिक्षकों के सस्पेंड होने पर बिफरा संघ, पोलिंग बूथ पर ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था न होने का लगाया आरोप

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आवाज़ ए हिमाचल

30 जनवरी। चुनाव आयोग द्वारा 29 जनवरी को कुछ शिक्षक कर्मियों को अनुशासनात्मक कार्रवाई के नाम पर अपनी सेवा से सस्पेंड करने पर हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ लाल हो गया है। शिक्षक कर्मचारियों की सस्पेंशन को गैर कानूनी बताते हुए संघ के राज्य अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान, महामंत्री शाम लाल हांडा व चेयरमैन सचिन जसवाल ने कहा है कि शिक्षा विभाग के टीचिंग और नॉन टीचिंग कर्मचारी अपने विभाग का कार्य मेहनत से करते हुए चुनाव आयोग के कार्य को ईमानदारी से करते हैं। शिक्षकों ने आरोप लगाया कि पंचायत स्तर के चुनावों में तो शिक्षक हजारों प्रत्याशियों के नाम भी दो या तीन दिन के भीतर रात रात भर जाग कर बैलेट पेपर पर लिखते हैं।

यही नही, बिना खाए पिए सुबह छह बजे अपने चुनाव आयोजन होने वाले बूथ पर पहुंच कर दिन भर चुनाव संचालन कर रात को एक या दो बजे तक चुनावी गणना करवा कर फ्री होते हैं। उक्त नेताओं ने कहा कि सारा सामान खुद के कंधे पर उठा कर कर्मचारी बूथों पर पहुंचते हैं। ऐसे में कई जगह छोटी-मोटी अगर गलती हो जाती है, तो चुनाव के लिए नियुक्त प्रभारी इसका सारा जिम्मा चुनावी टीम के सिर फोड़ देते हैं। ऐसे में चुनाव के समय विशेष शक्तियों का दुरुपयोग अधिकारियों द्वारा जम कर किया जाता है व चुनाव कार्यप्रणाली के बहाने इन अधिकारियों द्वारा प्रताडि़त करने की भी कोशिश की जाती है।

इस दौरान संघ के राज्य चेयरमैन सचिन जसवाल, महासचिव श्याम लाल हांडा, मुख्य प्रेस सचिव कैलाश ठाकुर, चीफ पैटर्न अरुण गुलेरिया, पैटर्न सरोज मेहता, मनोहर शर्मा, दिलेर जामवाल, संजीव ठाकुर, संजय चौधरी, कमलराज अत्री, देव राज ठाकुर, गोविंदर पठानिया, नरेंद्र गौरव, रमेश कीमटा, कैलाश ठाकुर, कपिल पाबला, सुरिंदर मुखसिक, सहित जिला अध्यक्ष मंडी तिलक नायक, रोशन लाल कपूर और समस्त जिला प्रधानों में चंबा के हरि प्रसाद, ऊना किशोरी लाल, हमीरपुर सुनील शर्मा, बिलासपुर राकेश संधू, शिमला महावीर कैंथला, कांगड़ा नरदेव ठाकुर, सिरमौर राजीव ठाकुर, कुल्लू यशपाल शर्मा, लाहुल-स्पीति पालम शर्मा, किन्नौर राधाकृष्ण, मंडी तिलक नायक, अरुण गुलेरिया,  कांगड़ा  महासचिव सुमन चौधरी आदि ने इस कार्रवाई की निंदा करते हुए इसे तुरंत वापस लेने की मांग की है।

अध्यापक संघ ने कहा कि शिक्षकों को कार्रवाई के नाम पर सस्पेंड करना गलत बात है, उनकी बात सुनी जानी चाहिए। विभाग को उन कारणों का पता लगाना चाहिए, जिनके कारण कर्मचारी से गलती होने का अंदेशा रहता है और इनके निदान कर चुनाव में व्यस्त कर्मचारियों को राहत प्रदान करनी चाहिए, ताकि ये प्रक्रिया सुचारू रूप से संपन्न की जा सके। उक्त नेताओं ने कहा है कि संघ ने आपात बैठक कर आयोग द्वारा इन कर्मचारियों पर की गई कार्रवाई की निंदा की है।

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